Shani Vakri 2021 Dates, Saturn Retrograde 2021: शनि वक्री हैं. शनि वक्री होने पर कमजोर माने जाते हैं. मान्यता है कि शनि देव को उल्टी चाल चलने में परेशानी होती है. शनि की वक्री चाल को शनि की उल्टी चाल भी कहा जाता है. पंचांग के अनुसार शनि वक्री से मार्गी कब होंगे, आइए जानते हैं.
शनि वक्री का मतलबशनि वक्री जब होते हैं तो इसका अर्थ ये होता है कि व्रकी अवस्था में शनि देव उल्टी दिशा में गति करने लगते हैं. शनि देव वर्तमान समय में मकर राशि में गोचर कर रहे हैं. शनि देव को मकर राशि का स्वामी माना गया है.
शनि वक्री 202123 मई 2021 को शनि वक्री हुए थे. अभी भी शनि वक्री ही हैं. जिस दिन शनि देव वक्री हुए थे, उस दिन पंचांग के अनुसार वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि थी. इस एकादशी को मोहिनी एकादशी भी कहा जाता है.
शनि वक्री कब तक रहेंगेशनि देव 11 अक्टूबर 2021, सोमवार के दिन सुबह 07 बजकर 48 मिनट पर मार्गी होंगे. 141 दिन बाद शनि वक्री से मार्गी होंगे. वर्तमान समय में शनि देव श्रवण नक्षत्र में गोचर कर रहे हैं. इस वर्ष शनि देव का कोई राशि परिवर्तन नहीं है.
शनि की दृष्टिशनि देव की दृष्टि को ज्योतिष शास्त्र में शुभ नहीं माना जाता है. मान्यता कि शनि देव की दृष्टि जिस पर पड़ती है उसका बुरा समय आरंभ हो जाता है. ज्योतिष शास्त्र में शनि को पृथ्वी लोक का न्यायाधीश बताया गया है. शनि देव व्यक्ति को उसके अच्छे बुरे कर्मों के आधार पर ही शुभ और अशुभ फल प्रदान करते हैं. नेक कार्यों को करने वालों को शनि देव शुभ फल प्रदान करते हैं. वर्तमान समय में मिथुन, तुला राशि पर शनि की ढैया और धनु, मकर और कुंभ राशि पर साढ़ेसाती चल रही है.
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