Shani Dev: शनि देव को कलियगु का दंडाधिकारी माना गया है. गलत कार्य करने वालों को शनि देव कभी माफ नहीं करते हैं और अपनी दशा, अंर्तदशा, साढ़ेसाती और ढैया के दौरान अशुभ फल प्रदान करते हैं. शनि देव को भगवान शिव का वरदान प्राप्त है कि उनकी छाया से मनुष्य ही नहीं देवता भी नहीं बच सकते हैं. स्वयं भगवान शिव को शनि की दृष्टि के कारण देव योनि से पशु योनि में जाना पड़ गया था.
न्याय के देवता कौन हैं?ज्योतिष शास्त्र में शनि देव को न्याय का देवता बताया गया है. शनि देव को ये अधिकार प्राप्त है कि वे मनुष्य के अच्छे बुरे कामों का हिसाब करें और उनके ही मुताबिक शुभ-अशुभ फल प्रदान करें. शनि की चाल बहुत धीमी है. इसलिए शनि जब किसी राशि में प्रवेश करते हैं तो लंबे समय तक रहते हैं. इसलिए शनि को शांत रखना बहुत ही आवश्यक हो जाता है. शनि एक राशि से दूसरी राशि में जानें पर लगभग ढ़ाई साल का समय लेते हैं.
शनि का राशि परिवर्तनवर्तमान समय में शनि, मकर राशि में विराजमान हैं. शनि 29 अप्रैल 2022 को राशि परिवर्तन करेंगे. शनि देव वर्ष 2021 में कोई राशि परिवर्तन नहीं है. शनि का इस वर्ष नक्षत्र परिवर्तन है. वर्तमान समय में शनि देव श्रवण नक्षत्र में गोचर कर रहे हैं.
शनि मार्गीशनि वर्तमान समय में मकर राशि में वक्री अवस्था में विराजमान हैं. शनि 11 अक्टूबर 2021 को वक्री से मार्गी होने जा रहा है. मार्गी होने पर शनि की शक्ति में वृद्धि होगी. क्योंकि शनि वक्री होते हैं तो कमजोर हो जाते हैं. इसलिए जिन राशियों पर शनि की महादशा, साढ़ेसाती और ढैया चल रही है उन्हें सावधान रहना होगा.
शनि देव इन कार्यों को करने से होते हैं नाराजशनि देव को गलत कार्यों पसंद नहीं हैं. दूसरों के साथ धोखा करना, झूठ बोलना, गलत आदतों को अपनाना, कमजोर और परिश्रम करने वालों का अपमान करना शनि को बिल्कूल भी पसंद नहीं है. इसलिए इन कार्यों से बचना चाहिए. नहीं तो शनि देव बहुत ही अशुभ फल प्रदान करते हैं.
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