Shani Dev, Mahima Shani Dev Ki: शनि देव मकर राशि में वक्री होकर गोचर कर रहे हैं. शनि देव की वक्री अवस्था को ज्योतिष शास्त्र में महत्वपूर्ण माना गया है. शनि देव जब वक्री यानि उल्टी चाल चलते हैं तो परेशानी प्रदान करते हैं. माना जाता है कि जब शनि देव वक्री होकर गोचर करते हैं तो पीड़ित अवस्था में होते हैं. क्योंकि शनि को उल्टी चाल चलने में पीड़ होता है. इसलिए जिन लोगों की कुंडली में शनि शुभ नहीं होते हैं उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

सावन 2021सावन का महीना आरंभ हो चुका है. पंचांग के अनुसार बीते 25 जुलाई 2021 को सावन मास आरंभ हुआ था. भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए सावन का महीना बहुत ही शुभ माना गया है. सावन का महीना शनि देव की पूजा के लिए उत्तम माना गया है. शनि देव भगवान शिव के भक्त हैं. शनि देव ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कठोर तपस्या की थी. शनि देव भगवान शिव की पूजा से ही शांत होते हैं.

मिथुन और तुला राशि पर शनि की ढैय्याज्योतिष गणना के अनुसार वर्तमान समय में 5 राशियों पर शनि की दृष्टि है. मिथुन और तुला राशि पर शनि की ढैय्या और धनु, मकर और कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है.

शनिवार की पूजाशनिवार का दिन शनि देव को समर्पित है. शनिवार के दिन पूजा करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं. सावन मास में पड़ने वाले शनिवार का दिन शनि देव की पूजा के लिए अत्यंत उत्तम है. 

सावन शनिवार कब हैपंचांग के अनुसार 07 अगस्त 2021 को शनिवार है. इसदिन चतुर्दशी की तिथि है. विशेष बात ये है कि इस दिन सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है. इस दिन पुनर्वसु नक्षत्र रहेगा. इस दिन शनि देव पर सरसों का तेल और काले तिल चढ़ाना चाहिए. इसके साथ ही शनि चालीसा का पाठ करना चाहिए.

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