Sawan Jyotirling Darshan 2022: कहते हैं कि शिवजी को श्रावण मास बेहद प्रिय है इसलिए शिवपूजन का महत्‍व और बढ़ जाता है.सावन के पवित्र महीने में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए लोग विशेष रूप से पूजा अर्चना करते हैं. ऐसी मान्‍यता है कि सावन (Sawan)के महीने में शिवजी के 12 ज्‍योतिर्लिंगों में से किसी एक ही दर्शन करने से भोलेबाबा प्रसन्‍न होते हैं और भक्‍तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. अगर आप भी चाहते हैं कि भोले बाबा कर आशीर्वाद पाना चाहते हैं तो इस सावन घर बैठे ही करें शिव जी के 12 ज्योतिर्लिंगों(Jyotirling Darshan) के दर्शन.आपके द्वारा किए गए मात्र दर्शन से ही भगवान शिव खुश हो जाएंगे और आपके जीवन की सारी विपदाओं को हर लेंगे.


1- सोमनाथ ज्योतिर्लिंग
भगवान शिव का सबसे पहला ज्योतिर्लिंग सोमनाथ गुजरात राज्य के सौराष्ट्र में स्थित है. ऐसी मान्यता है कि इसी स्थान पर भगवान शिव की पूजा अर्चना करके चंद्रमा ने दक्ष प्रजापति के श्राप से मुक्ति पाई थी. कहा जाता है कि इस शिवलिंग की स्थापना स्वयं चंद्रदेव ने की थी.यही कारण है कि इसे चंद्र यानि सोम ज्योतिर्लिंग के नाम से जाना जाता है.


2- मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग
शिवजी का दूसरा ज्योतिर्लिंग आंध्र प्रदेश की कृष्णा नदी पर मौजूद श्रीशैल नामक पर्वत पर स्थित है, जिसे मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग के नाम से जाना जाता है. इस मंदिर का महत्व भगवान शिव के कैलाश पर्वत के समान माना गया है.धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस ज्योतिर्लिंग की पूजा करने पर व्यक्ति को अश्वमेध यज्ञ के समान फल की प्राप्ति होती है.व्यक्ति को उसके सभी पापों से मुक्ति मिलती है.


3- महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग
तीसरा महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित है, जोकि एकमात्र दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग है. यहां प्रतिदिन सुबह की जाने वाली भस्म आरती विश्व प्रसिद्ध है. सावन के हर सोमवार को यहां भगवान महाकाल की सवारी निकाली जाती है, जिसे देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं.अकाल मृत्‍यु से रक्षा की कामना लेकर लोग यहां महाकाल बाबा के दर्शन करने आते हैं.


4- ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग
मध्यप्रदेश के इंदौर के पास में नर्मदा नदी के तट पर भगवान शिव का ज्योतिर्लिंग मौजूद है, जिसे ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के नाम से जाना जाता है. जिस स्थान पर यह ज्योतिर्लिंग स्थित है उस स्थान पर नर्मदा नदी बहती है. पहाड़ी के चारों ओर नदी बहने से यहां ऊं का आकार बनता है. यह ज्योतिर्लिंग ऊंकार अर्थात ऊं का आकार लिए हुए है, इसलिए इसे ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के नाम से जाना जाता है.


5- केदारनाथ ज्योतिर्लिंग
उत्तराखंड स्थित केदारनाथ ज्योतिर्लिंग का विशेष धार्मिक महत्व है. केदारनाथ स्थित ज्योतिर्लिंग भी भगवान शिव के 12 प्रमुख ज्योतिर्लिंगों में आता है. केदार धाम की महिमा का वर्णन स्कंद और शिव पुराण में भी मिलता है. शिव को जितना कैलाश पर्वत प्रिय है, उतना ही उन्हें केदार प्रिय है.


6- भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग
महाराष्ट्र के पुणे जिले में सह्याद्रि नामक पर्वत पर स्थित है, भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग को मोटेश्वर महादेव के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो भक्त श्रद्धा से इस मंदिर का दर्शन प्रतिदिन सुबह सूर्य निकलने के बाद करता है, उसके सात जन्मों के पाप दूर हो जाते हैं.यहां शिव जी ने कुम्भकर्ण के पुत्र भीम समेत अनेक राक्षसों का वध किया है.


7- काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग
उत्तर प्रदेश के काशी में स्थित काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग शिव भगवान के बारह ज्योतिर्लिंगों में प्रमुख है. इसके दर्शन के लिए लोग दूर- दूर से यहां आते हैं. मान्यताओं के अनुसार, शिव जी के इस स्थान का प्रलय भी बाल बांका नहीं कर सकता है. प्रलय आने पर भगवान शिवजी काशी को अपने त्रिशूल पर धारण कर लेंगे और प्रलय के टल जाने पर काशी को उसके स्थान पर पुन: रख देंगे.


8- त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग
महाराष्ट्र के नासिक जिले में स्थित त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग ब्रह्मगिरि पर्वत के पास स्थित है. इसी पर्वत से गोदावरी नदी शुरू होती है.मान्यताओं के अनुसार, ऋषि गौतम और गोदावरी नदी के कारण भगवान शिव को यहां ज्योतिर्लिंग रूप में स्थापित होना पड़ा.


9- वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग
झारखंड के देवघर में स्थित है वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग.मान्यता है कि जो भी व्यक्ति इस ज्योतिर्लिंग की दर्शन करता है, उसकी सभी व्याधियां समाप्त हो जाती हैं और सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं. यही कारण है कि इस शिवलोक की प्राप्ति होती है.ज्योतिर्लिंग को कामना लिंग के नाम से भी जाना जाता है.


10- नागेश्वर ज्योतिर्लिंग
गुजरात के द्वारिका में मौजूद नागेश्वर ज्योतिर्लिंग काफी विशेष है. लिंग का अर्थ है नागों का ईश्वर यानी भगवान शिव. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जो भी व्यक्ति नागेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन करता है, और पूरी श्रद्धा के साथ शिवजी की आराधना करता है, उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है.


11- रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग
तमिलनाडु राज्य के रामनाथपुरं नामक स्थान में स्थित रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग चार धामों में से एक है. इस ज्योतिर्लिंग की स्थापना विष्णु के अवतार श्री राम ने की थी इसलिए इसका नाम भगवान राम के नाम पर रामेश्वरम पड़ा है. इस ज्योतिर्लिंग का विशेष धार्मिक महत्व है, जहां दर्शन करने के लिए लोग दूर-दूर से यहां पहुंचते हैं.


12- घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग
महाराष्ट्र के औरंगाबाद शहर के समीप दौलताबाद के पास घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग घृष्णेश्वर महादेव का प्रसिद्ध मंदिर स्थित है. इसे घृष्णेश्वर या घुश्मेश्वर के नाम से भी जाना जाता है.मान्यता है ली यह भगवान शिव का अंतिम ज्योतिर्लिंग है, जिसकी स्थापना अहिल्याबाई होल्कर ने कराई थी. भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से यह अंतिम ज्योतिर्लिंग है.


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