Earthquake in India, Frank Hoogerbeets,Türkiye Earthquake, Earthquake Astrology: हाल ही में आए तुर्किए में विनाशकारी भूकंप ने हजारों लोगों की जान ले ली, जिससे पूरा देश सहम गया. अनुमान लगाया जा रहा है कि, कुछ इसी तरह का खतरनाक भूकंप भारत में भी आ सकता है. जी हां, फ्रैंक हूगरबीट्स ने भारत समेत अफगानिस्तान और पाकिस्तान में भी भयानक भूकंप भी भविष्यवाणी की है.


कौन हैं फ्रैंक हूगरबीट्स? (Who is Frank Hoogerbeets)


नीदरलैंड के एक शोधकर्ता हैं. जिनका नाम फ्रैंक हूगरबीट्स है. ये सोलर सिस्टम ज्योमेट्री सर्वे यानी SSGEOS के लिए काम करते हैं. फ्रैंक ग्रहों की चाल के आधार पर भूकंप की भविष्यवाणी करते हैं. SSGEOS शोध संस्थान भूकंप की गतिविधियों का अनुमान लगाने के लिए आकाशीय ग्रहों की निगरानी करता है. फ्रैंक ग्रहों की चाल से भूकंप पता लगाते हैं. वैदिक ज्योतिष शास्त्र में भी इस तरह की प्राकृतिक घटनाओं के पीछे ग्रहों के गोचर की अहम भूमिका बताई गई है.



फ्रैंक हूगरबीट्स क्यों चर्चा में हैं?


हाल ही में सोमवार 6 फरवरी 2023 को तुर्किए और इसके आसपास के इलाकों में ऐसा विनाशकारी भूकंप आया कि सबकुछ बर्बाद हो गया. लेकिन फ्रैंक हूगरबीट्स ने 3 फरवरी को ही तुर्किए में भयानक भूकंप आने की भविष्यवाणी कर दी थी. फ्रैंक ने 3 फरवरी को सोशल मीडिया पर ट्वीट कर तुर्किए में भूकंप की आशंका जताई थी, जोकि महज तीन दिन बाद ही सच साबित हो गई. तुर्किए और सीरिया में 7.8, 7.5 और 6.0 मैग्नीट्यूड के तीन भूकंप आए और सबकुछ तबाह हो गया. खबरों की माने तो इस भूकंप ने लगभग 33 हजार लोगों की जान ले ली.


भारत को लेकर फ्रैंक हूगरबीट्स की भविष्यवाणी (Frank Hoogerbeets Earthquake Predict For India)


तुर्किए और सीरिया के बाद फ्रैंक हूगरबीट्स ने भारत में भी कुछ इसी तरह के भूकंप आने की आशंका जताई है. हूगरबीट्स के अनुसार कुछ दिनों बाद भारत में भी बड़ा भूकंप आ सकता है. हूगरबीट्स ने यह भी कहा कि, इसका प्रमुख केंद्र अफगानिस्तान होगा. इसकी चपेट में भारत और पाकिस्तान आ सकते हैं. लेकिन भूकंप की भविष्यवाणी को लेकर ज्योतिषशास्त्र क्या कहता है और क्या है भूकंप का ग्रहों से संबंध, आइये जानते हैं.


भविष्यवाणी और भूकंप का ज्योतिषीय ग्रहों से कनेक्शन


ज्योतिषीय दृष्टिकोण से भी भूकंप की भविष्यवाणी की जाती है. लेकिन भूकंप की तीव्रता के बारे में अनुमान लगाना थोड़ा मुश्किल होता है. ज्योतिष विशेषज्ञ एस्ट्रोलॉजर रुचि शर्मा बताती हैं कि, पूर्व में आए कई भूकंप के समय की कुंडली व ग्रहों की स्थिति को निकालकर कुछ ज्योतिषीय सूत्र दिए गए हैं.


गर्ग संहिता के अनुसार मंगल, शनि, राहु और गुरु जैसे बड़े ग्रह परस्पर क्रेंद या फिर त्रिकोण में होते हैं तब भी भूकंप की आशंका काफी बढ़ जाती है. वहीं ज्योतिष के अनुसार, अधिकतर बड़े भूकंप रात्रि, मध्यरात्रि, मध्याह्न या फिर ब्रह्म मुहूर्त के समय ही आते हैं.


ज्योतिष शास्त्र के अनुसार आमतौर पर अधिकतर भूकंप सूर्य या चंद्र ग्रहण, पूर्णिमा और अमावस्या के आसपास आते हैं. तुर्किए और सीरिया में आए भूकंप का संयोग भी यह रहा कि 5 फरवरी को पूर्णिमा थी और इसके अगली सुबह को ही यह भूकंप आया. 


एस्ट्रोलॉजर रुचि शर्मा बताती हैं कि, बड़े ग्रह मंगल, शनि, राहु और गुरु जब पृथ्वी तत्व की राशियां जैसे वृषभ, कन्या व मकर और वायु तत्व की राशियां जैसे कुंभ, तुला या मिथुन में होती हैं तो ऐसी स्थिति में विनाशकारी भूकंप आने की संभावना होती है. 


तुर्किए में आए भूकंप के समय ग्रहों की स्थिति-



ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भूकंप की भविष्यवाणी के मुख्य बिंदू



  • भूकंप ग्रहण काल में नहीं आता. लेकिन ग्रहण के बाद आने वाली पूर्णिमा या अमावस्या के सप्ताह के भीतर इसकी संभावना अधिक होती है.

  • ज्योतिष के अनुसार दिन के 12 बजे से लेकर सूर्यास्त और मध्यरात्रि से सूर्योदय के दौरान भूकंप का खतरा अधिक रहता है.

  • ब्रह्मांड में करोड़ों उल्कापिंड घूमते हैं. जब-जब ये उल्कापिंड पृथ्वी या फिर सूर्य के निकट आते हैं तब भी भूकंप की संभावना बढ़ जाती है.

  • शनि, बृहस्पति और मंगल ग्रह की चाल उल्टी यानी कि वक्री अवास्था में होने से भी भूकंप आने की संभावना रहती है.


ग्रहण और भूकंप का कनेक्शन


ज्योतिष के अनुसार जब ग्रहण पड़ते हैं या ग्रहण लगने वाला होता है तो उसके 40 दिन पहले और 40 दिन बाद यानी 80 दिनों के अंतराल में भूकंप आने की संभावना होती है. कभी-कभी 15 दिन पूर्व या पश्चात में भी भूकंप आ सकते हैं. साल 2023 का पहला ग्रहण जोकि सूर्य ग्रहण होगा. यह 20 अप्रैल 2023 गुरुवार के दिन लगेगा. सूर्य ग्रहण या चंद्र ग्रहण के बाद पूर्व में आए भूकंप के कई तथ्य मिलते हैं.


बृहत् संहिता के अनुसार भूकंप के लक्षण


मेदिनी ज्योतिष के पांचवी सदी बृहत् संहिता ग्रंथ के 32वें अध्याय में भूकंप के लक्षण के बारे में बताया गया है. इस अध्याय का नाम ही ‘भूकंप लक्षण’ है. इसमें आचार्य वराह मिहिर द्वारा बताया गया है कि, भूकंप से पहले प्रकृति में भी कुछ लक्षण दिखने लगते हैं. आचार्य वराह मिहिर बताते हैं कि, वायव्य मंडल के नक्षत्रों में भूकंप से पहले आसमान में चारों ओर धुंआ, धूल भरी आंधी, सूर्य की किरणों का धीमा पड़ना, अग्नि मंडल के नक्षत्रों में तारे टूटना, उल्का पात होना, जंगल में आग लगना आदि शामिल है. तुर्किए में भी भूकंप आने से पहले आकाश में एक हरे रंग का धूमकेतु दिखाई पड़ा था.


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