Rahu Kaal: ज्योतिष शास्त्र में कोई भी शुभ कार्य को करने से पहले शुभ मुहूर्त का विचार किया जाता है. माना जाता है कि जो भी कार्य शुभ मुहूर्त में किया जाता है वो हमेशा सफल रहता है. शुभ मुहूर्त की काल गणना में अशुभ मुहूर्त का भी ध्यान रखा जाता है. 


अशुभ मुहूर्त में खासतौर से राहु काल का ध्यान जरूर रखा जाता है. राहु काल में कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित होता है. आइए जानते हैं राहुकाल क्या होता है और हिंदू पंचांग में इसके बारे में क्या बताया गया है.


क्या होता है राहुकाल (What is Rahu Kaal) 


जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, राहुकाल का मतलब है राहु और काल. ज्योतिष शास्त्र में इस ग्रह को बहुत ही पापी और क्रूर माना जाता है. राहुदोष में व्यक्ति को मानसिक, शारीरिक और आर्थिक नुकसान उठाने पड़ते हैं. राहुकाल को राहुकालम भी कहा जाता है. हिंदू पंचांग में इसे अशुभ काल माना जाता है. इस काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए.


राहुकाल की गणना कैसे होती है? (Rahu Kaal Calculator)


राहुकाल की गणना ग्रहों की चाल पर आधारित होती है, विशेष रूप से राहु ग्रह की स्थिति पर. राहुकाल हर दिन लगभग 1 घंटा 36 मिनट का होता है. यह अवधि स्थान और तिथि के अनुसार भिन्न हो सकती है क्योंकि इसकी गणना सूर्योदय और सूर्यास्त के समय के आधार पर की जाती है. 


राहुकाल का समय (Timing of Rahu Kaal Every Day)


सोमवार: प्रातः 7:30 बजे से 9:00 बजे तक
मंगलवार: दोपहर 3:00 बजे से 4:30 बजे तक
बुधवार: दोपहर 12:00 बजे से 1:30 बजे तक
गुरुवार: दोपहर 1:30 बजे से 3:00 बजे तक
शुक्रवार: प्रातः 10:30 बजे से 12:00 बजे तक
शनिवार: प्रातः 9:00 बजे से 10:30 बजे तक
रविवार: प्रातः 6:30 बजे से 8:00 बजे तक


राहुकाल में क्या न करें (Things To Avoid During The Raahu Kaal)


ज्योतिष शास्त्र के अनुसार राहुकाल के दौरान कोई भी नया काम नहीं करना चाहिए. राहुकाल में विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन, नामकरण जैसे शुभ कार्य नहीं करने चाहिए.
इस काल में कोई भी नया काम शुरु करने से बचना चाहिए. यदि संभव हो तो इस काल में यात्रा टाल देनी चाहिए. राहुकाल में कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय लेने से बचना चाहिए.


राहुकाल में करें ये काम (What To Do In Rahu Kaal)


राहुकाल में आप अपने दैनिक कार्य कर सकते हैं. आप इस समय में पूजा-पाठ कर सकते हैं. राहुकाल में पढ़ाई-लिखाई का कार्य करना शुभ माना जाता है.  राहुकाल में पूजा-पाठ करना, मंत्र जाप करना, ध्यान करना और भगवान का स्मरण करना शुभ माना जाता है. राहुकाल में किए गए ये कार्य मन को शांत और प्रसन्न रखने में मदद करते हैं.


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