Panchak November 2021: हिंदू धर्म में पंचक को महत्वपूर्ण माना गया है. पंचक में कुछ कार्यों को करना वर्जित बताया गया है.  'मुहूर्त चिंतामणि'  में पंचक के बारे में बताया गया है. पंचक कैसे लगता है, इसके पीछे क्या मान्यता है आइए जानते हैं


पंचक कैसे लगता है
'मुहूर्त चिंतामणि' के अनुसार चंद्रमा का गोचर जब घनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद और रेवती में होता है तो पंचक लगता है. वहीं जब चंद्रमा का गोचर कुंभ और मीन राशि में होता है, तो भी 'पंचक' की स्थिति बनती है. कहीं कहीं इसे भदवा भी कहा जाता है. 


पंचक कब से है
पंचांग के अनुसार पंचक 12 नवंबर 2021, शुक्रवार को कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को प्रात: 2 बजकर 52 मिनट से लगेगा.


पंचक कब समाप्त हो रहा है
पंचक का समापन 16 नवंबर 2021, मंगलवार रात 8 बजकर 15 मिनट पर होगा.


चोर पंचक
12 नवंबर से लगने वाला पंचक, 'चोर पंचक' होगा. मान्यता है कि जब शुक्रवार के दिन पंचक लगता है तो इस 'चोर पंचक' कहा जाता है.  इस पंचक में बिजनेस और लेनदेन आदि से बचना चाहिए.


पंचक में वर्जित कार्य


'अग्नि-चौरभयं रोगो राजपीडा धनक्षतिः।
संग्रहे तृण-काष्ठानां कृते वस्वादि-पंचके।।


 'मुहूर्त चिंतामणि' के अनुसार पंचक में 5 प्रकार के कार्यों को वर्जित माना गया है. लकड़ी को एकत्र करना, पंलग खरीद कर घर पर लाना या उसका निर्माण कराना, घर की छत का निर्माण कराना और दक्षिण दिशा की यात्रा करना अशुभ माना गया है.


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