Panchak in october 2021: पंचक समाप्त हो रहा है. पंचांग के अनुसार 20 अक्टूबर 2021, बुधवार को आश्विन मास की पूर्णिमा की तिथि में पंचक समाप्त हो रहा है. ये पंचक आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि में आरंभ हुआ था. पंचक पांच दिन का होता है. 20 अक्टूबर को पंचक समाप्त होने के बाद शुभ और मांगलिक कार्य कर सकते हैं इसके साथ यदि नई चीजों की खरीदारी भी कर सकते हैं.


पंचक कब समाप्त हो रहा है?
पंचांग के अनुसार 20 अक्टूबर 2021, बुधवार को दोपहर 02 बजकर 02 मिनट पर समाप्त हो रहा है. इस बाद नई वस्तुओं की खरीदारी आदि कर सकते हैं.


20 अक्टूबर 2021, शुभ मुहूर्त
विजय मुहूर्त दोपहर 0137 मिनट से दोपहर 02 बजकर 23 मिनट.
गोधूलि मुहूर्त शाम 05 बजकर 15 मिनट से शाम 05 बजकर 39 मिनट.
सायाह्न संध्या मुहूर्त शाम 05 बजकर 26 से शाम 06 बजकर 42 मिनट.


नवंबर 2021 में कब लगेगा पंचक
नवंबर 2022 में अब अगला पंचक लगेगा. पंचांग के अनुसार 12 नवंबर 2021 से 16 नवंबर 2021 तक पंचक की स्थिति रहेगी. इस माह में जो पंचक लगेगा, उसे चोर पंचक कहा जाता है. मान्यता के अनुसार जब शुक्रवार को पंचक आरंभ होता है तो इसे चोर पंचक कहा जाता है. इस पंचक के आरंभ और समाप्त होने का समय इस प्रकार है-


12 नवंबर 2021 शुक्रवार को प्रात: 02 बजकर 52 मिनट पर पंचक आरंभ होगा.
16 नवंबर 2021 मंगलवार को रात्रि 08 बजकर 15 मिनट पर पंचक समाप्त होगा.


पंचक कब लगता है?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पंचक की स्थिति का निर्माण तब होता है जब चन्द्रमा, कुंभ और मीन राशि में गोचर करता है. इसके साथ ही पंचक के दौरान घनिष्ठा से रेवती तक जो पांच नक्षत्र होते हैं, इन्हें पंचक कहा जाता है. इन नक्षत्रों को इन नामों से जाना जाता है-



  1. घनिष्ठा नक्षत्र

  2. शतभिषा नक्षत्र

  3. पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र

  4. उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र

  5. रेवती नक्षत्र


पंचक में ये 5 कार्य नहीं किए जाते हैं 
पंचक में इन पांच प्रकार के कार्य करना शुभ नहीं माना गया है. माना जाता है कि इन कार्यों को करने से हानि होने की संभावना रहती है. पंचक में लकड़ी को एकत्र करना, पंलग खरीद कर घर पर लाना या उसका निर्माण कराना, घर की छत का निर्माण कराना और दक्षिण दिशा की यात्रा आदि करना अशुभ माना गया है. 


हनुमान जी की पूजा करने पंचक को दोष दूर होता है
पंचक में यदि कोई बहुत ही आवश्कय हो जाए तो हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए. मंदिर में हनुमान जी को फल चढ़ाएं. मान्यता है कि ऐसा करने से पंचक का दोष नहीं लगता है.


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