हस्तरेखा विज्ञान जीवन के सभी पहलुओं पर गहरा प्रकाश डालता है. हथेली का हर हिस्सा भविष्य के संकेतों को दर्शाता है. कलाई पर बनने वाला मणिबंध अत्यंत महत्वपूर्ण हस्तरेखा चिह्न है. बांह और हथेली को जोड़ने वाला भाग मणिबंध कहलाता है. इसमें ध्यान से देखने पर एक से लेकर तीन रेखाएं तक होती हैं. कुछ अधूरी होती हैं तो कुछ पूरी होती हैं.


इनसे आयु व्यक्ति के आयु निर्धारण को सहजता से समझा जा सकता है. एक मणिबंध 30 से 40 वर्ष की आयु को दर्शाता है. दो मणिबंध पूर्ण होने पर आयु 60 से 70 वर्ष के बीच होती है. तीन मणिबंध पूर्ण होने पर व्यक्ति शतायु होता है. जिन लोगों के हाथों में मणिबंध स्पष्ट और दीर्घ होता है ऐसे लोग समाज में मान प्रतिष्ठा को प्राप्त होते हैं. घर में लक्ष्मी का वास बना रहता है. व्यक्ति इच्छित मुकाम हासिल करता है. कई लोगों का संरक्षक हो सकता है.


कमजोर बिखरी टूटीं मणिबंध रेखाएं स्वास्थ्यगत समस्याओं को इंगित करती हैं. ऐसे लोगों की हथेली पर पर्वत उठे हुए न हों और अन्य शुभ चिह्न न हों तो व्यक्ति अत्यंत साधारण जीवन जीता है. तीन मणिबंध वाला व्यक्ति ज्ञानवान और तर्कशील होता है. अकादमिक गतिविधियों में आगे रहता है. समाज में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों को निभाता है. अच्छा पेशेवर और उद्यमी बनता है.


मणिबंध के पास तिल त्रिभुज और तारा आदि शुभ चिंह हों और हथेली लंबी हो तो व्यक्ति निश्चित ही राजा के समान जीवन जीता है. कई लोगों का पालक होता है.