Safalta Ki Kunji Motivational Thoughts In Hindi: सफलता की कुंजी एक ऐसा चिराग है, जिसे हर कोई पाना चाहता है. लेकिन इसके लिए मेहनत, परिश्रम, धैर्य, बल, आत्मविश्वास, जैसी कई चीजें व्यक्ति में होनी चाहिए. सफलता को लेकर कई प्रेरणादायक कहानियां सुनने को मिलती हैं. हमारे आस-पास भी ऐसे कई सफल लोग होते हैं, जिनके संघर्ष की कहानी पढ़कर हम जीवन में सफल बनने के लिए प्रेरित होते हैं.


लेकिन कुछ लोग सफल होने के लिए सही वक्त का इंतजार करते हैं और रुके रह जाते हैं. अगर आप भी ऐसा सोचते हैं तो इस कहानी को जरूर पढ़ें. इस कहानी से यह सीख मिलती है कि सफलता को प्राप्त करने के लिए सही समय या फिर परेशानी के खत्म होने का इंतजार न करें और बुरी परिस्थिति का रोना न रोएं, ऐसा करने से सफलता हाथ से निकल जाएगी और आप वहीं के वहीं रह जाएंगे.


सफलता की प्रेरणादायक कहानी


एक व्यक्ति था जिसके जीवन में बचपन से ही समस्याएं हीं समस्याएं थीं. बचपन में ही उसके पिता की मृत्यु हो गई, जिस कारण कम उम्र में ही परिवार की जिम्मेदारियां उसके ऊपर आ गई. व्यस्क होने के बाद जब उसका विवाह हुआ तब जिम्मेदारियां और परेशानियों दोनों और अधिक बढ़ गई. इसी तरह उसके जीवन में परेशानियां लगी रहती. एक परेशानी के खत्म होते ही दूसरी शुरू हो जाती. इससे परेशान होकर व्यक्ति एक दिन एक प्रसिद्ध संत के पास पहुंचा.


व्यक्ति ने संत से कहा, बाबा मुझे अपना शिष्य बना लें. मैं जीवन से बहुत परेशान हो गया हूं और दुखी हूं. संत बोले ठीक है, तुम मुझे अपनी परेशानी बताओ. व्यक्ति ने कहा, बाबा मेरे जीवन में बहुत परेशानी है. एक समस्या खत्म नहीं होती और दूसरी शुरू हो जाती है. इस कारण में तनाव और दुखी रहता है और किसी काम में सफलता नहीं मिल पाती है.


बाबा ने कहा कि ठीक है, मैं तुम्हारी परेशानियों का हल बताता हूं. तुम मेरे साथ चलो. संत व्यक्ति को लेकर एक नदी के पास पहुंचे. संत ने व्यक्ति को नदी के किनारे खड़ा कर दिया और बोले हमें ये नदी पार करनी है. यह कहकर संत वहीं खड़े हो गए. व्यक्ति भी संत के साथ वहीं खड़ा हो गया.


थोड़ी देर बाद उसने कहा, बाबा हमें नदी पार करनी है तो हम यहां क्यों खड़े हैं? संत ने कहा हम नदी के सूखने का इंतजार कर रहे हैं. जब नदी सूख जाएगी तो हम इसे आसानी से पार कर सकते हैं. व्यक्ति बहुत आश्चर्य होकर बोला, बाबा आप ये कैसी बात कर रहे हैं, नदी का पानी कैसे और न जाने कब सूखेगा. हमें नदी को इसी समय पार करना चाहिए.


संत ने कहा, मैं भी तुम्हें यही समझाने के लिए यहां लाया हूं, कि जीवन में समस्याएं तो आती ही रहेंगी. हमें रुकना नहीं चाहिए बल्कि लगातार आगे बढ़ते रहना चाहिए, तभी हम उसे हल कर पाएंगे और आगे बढ़ पाएंगे. व्यक्ति को संत की बात समझ आ गई. उसने अपनी सोच बदली और उसी दिन निश्चय कर लिया कि परिस्थित कैसी भी हो, समस्या कोई भी हो उसका हल करते हुए सफलता की ओर आगे बढ़ना है.


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