Mesh Rashi Ka Bhagyoday: ज्योतिष के मुताबिक, मेष राशि, राशि चक्र की पहली राशि है. इस राशि के स्वामी ग्रह मंगल हैं. मेष राशि पूर्व दिशा की द्योतक मानी जाती है. मेष राशि के अन्तर्गत अश्विनी नक्षत्र के चारों चरण और कॄत्तिका का प्रथम चरण आता हैं.


मेष राशि की विशेषताएं


ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक़, बच्चों के जन्म के समय चंद्रमा जिस राशि में होती है. उसे उस व्यक्ति की राशि कहते हैं. इस राशि के स्वामी ग्रह मंगल होने के नाते इन जातकों पर मंगल का प्रभाव होता है. मंगल ग्रह को जीवन में पराक्रम और उत्साह का कारक माना जाता है. मेष राशि में जन्म लेने वाला जातक बहुत ही सुंदर, आकर्षक और कलात्मक होता है.


ये लोग स्वतंत्र विचार के होते हैं. क्या सही है और क्या गलत है? इस मामले पर इनका अपना दृष्टिकोण होता है. इनमें नेतृत्व की क्षमता होती है. ये लोग किसी के नेतृत्व में रहना पसंद नहीं करते हैं. अपना रास्ता स्वयं तय करते हैं. ये लोग खतरों से घबराते नहीं हैं.  


मेष राशि का कब होता है भाग्योदय


ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मेष राशि के जातकों का भाग्योदय उनके जीवन के 16वें वर्ष में, 22वें वर्ष, 28वें वर्ष, 32वें वर्ष और 36 वर्ष की आयु में होता है. इन वर्षों के दौरान इनके हर कार्य सफल होते हैं. इनकी आर्थिक स्थिति बेहतर होती है.


मेष राशि के भाग्योदय मंत्र


इन राशि के जातकों को इन मंत्रों का जाप करना चाहिए. इससे मेष राशि की कुंडली में मंगल के बुरे प्रभाव को शांत किया जा सकता है.


मंत्र: ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः बृं बृहस्पतये नम


मेष राशि के भाग्योदय दान


मेष राशि वाले अपनी किस्मत को चमकाने के लिए गुरुवार के दिन चने की दाल, केले,  पीले वस्त्र, पीले चावल, केशर, पुखराज, शहद, पीले फूल-फल, कांसी, खांड आदि का दान करना चाहिए.  



 


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