Kamika Ekadashi Vrat: सावन मास के कृष्ण पक्ष में आने वाली कामिका एकादशी का विशेष महत्व है. शास्त्रों में उल्लेख है कि भगवान विष्णु के आराध्य श्री शिव हैं और भगवान शिव के आराध्य हैं श्री विष्णु. इस दिन भगवान विष्णु के उपेन्द्र स्वरूप की पूजा की जाती है. कामिका एकादशी के दिन विष्णु जी के साथ भगवान शिव की पूजा करने से सारे बिगड़े काम बन जाते हैं. पंचांग अनुसार आज यानि 12 जुलाई को शाम 6 बजकर 1 मिनट से एकादशी की तिथि आरंभ होगी.

कामिका एकादशी का व्रत कल यानी 13 जुलाई को रखा जाएगा. गुरुवार होने की वजह से इस दिन का महत्व और बढ़ गया है. यह व्रत करने से उपासकों के साथ-साथ उनके पितरो के कष्ट भी दूर हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस दिन पूरे विधिपूर्वक पूजा-पाठ करने से कभी भी न खत्म होने वाला पुण्य मिलता है.

कामिका एकादशी की पूजन विधि

कामिका एकादशी के दिन प्रात:काल स्नान से निवृत्त होकर पहले व्रत का संकल्प लें. पूजाघर में थोड़ा सा गंगाजल छिड़ककर उसे पवित्र कर लें. लकड़ी की चौकी पर पीला कपड़ा बिछाएं और भगवान विष्‍णु की मूर्ति या फिर तस्‍वीर स्‍थापित करें. अब भगवान विष्णु की पूजा प्रारंभ करें. पूजन में भगवान को पीले फल-फूल, तिल, दूध, पंचामृत आदि अर्पित करें.

भगवान विष्णु के नाम का स्मरण करें और भजन-कीर्तन करें. विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ अवश्य करें.  पूजा के वक्‍त ऊं नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जप करें. भगवान विष्‍णु की पूजा में तुलसी दल जरूर शामिल करें. एकादशी के अगले दिन यानि द्वादशी को ब्राह्मण को भोजन और दक्षिणा देकर विदा करें. इसके बाद व्रत का पारण करें.

कामिका एकादशी के दिन करें इन मंत्रों का जाप

'ऊं नमो भगवते वासुदेवाय नम:'

'ऊं नमो नारायणाय नम:'

'श्रीमन नारायण नारायण हरि-हरि

'श्री कृष्‍ण गोविंद हरे मुरारी हे नाथ नारायण वासुदेवा'

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