Kamada Ekadashi: 19 अप्रैल यानी आज कामदा एकादशी है. यह हिंदू संवत्सर की पहली एकादशी है. इसे फलदा एकादशी भी कहा जाता है. सभी एकादशियों में कामदा एकादशी को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. 


कामदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की वासुदेव रुप का पूजन किया जाता है. इस व्रत को करने से सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है. इसका व्रत करने से समस्त पापों का नाश होता है. कामदा एकादशी के कुछ खास नियम होते हैं. जानते हैं कि आज के दिन कौन सी गलतियां नहीं करनी चाहिए.


कामदा एकादशी से जुड़े नियम




  • एकादशी के दिन देर तक नहीं सोना चाहिए. इस दिन प्रात:काल सुबह उठकर स्नान करके व्रत का संकल्प लेना चाहिए. इसके बाद विष्णु भगवान की पूजा-अर्चना करनी चाहिए. 

  • कामदा एकादशी के दिन खान-पान का बहुत ध्यान रखा जाता है. जो लोग व्रत नहीं भी रख रहे हैं उन्हें भी एकादशी के दिन कुछ चीजें खाने से परहेज करना चाहिए. 

  • आज के दिन घर में झाड़ू लगाते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि चीटियों या छोटे-छोटे जीवों को कोई नुकसान न पहुंचे.

  • आज के दिन लहसुन, प्याज, मसूर की दाल, गाजर, शलजम, गोभी, पालक जैसी चीजें नहीं खानी जाहिए. एकादशी और द्वादशी के द‌िन बैंगन खाना भी अशुभ होता है. 

  • इस दिन चावल का सेवन भी नहीं करना चाहिए. पौराणिक कथाओं के अनुसार जौ महर्ष‌ि मेधा के शरीर से उत्पन्न हुआ है. इसलिए एकादशी पर जौ का सेवन वर्जित माना जाता है. वहीं इस दिन सेम का सेवन करना भी हानिकारक माना गया है.

  • एकादशी के दिन पेड़ से पत्ता नहीं तोड़ना चाहिए. इस दिन खुद से गिरा हुआ पत्ता ही इस्तेमाल में लाना चाहिए. एकादशी के दिन इस दिन बाल और नाखून काटने से बचना चाहिए.

  • ब्राह्मण को भोजन कराए बिना और दक्षिणा दिए बिना एकादशी व्रत का पारण कभी नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से एकादशी व्रत का फल नहीं मिलता है.
     


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