Kalawa rules in Puja, Important Rules For Kalawa: हिंदू धर्म में कलावा (Kalawa) बांधने का विशेष महत्व है. इसे मौली (Mauli) या रक्षा सूत्र (Raksha Sutra) भी कहते हैं. हिंदू धर्म में किसी भी पूजा-पाठ, मांगलिक एवं शुभ कार्यों को करते समय कलावा बांधने का प्रावधान है. पुरोहित अपने यजमान के हाथ में कलावा बांधता है और मस्तक पर रोली, कुमकुम या हल्दी चावल का चंदन लगता है.


मान्यता है कि कलावा बांधने से भक्तों का भगवान के साथ संबंध और मजबूत हो जाता है. उन्हें कई गुना पुण्य फल प्राप्त होता है और उनके घर में धन-दौलत का प्रवाह तेज हो जाता है. परंतु यजमानों को कलावा बांधते और इसे खोलते समय इन गलतियों को भूलकर भी नहीं करना चाहिए वरना इसके दुष्परिणाम झेलने पड़ सकते हैं. मान्यता है कि कलावा या मौली बांधते समय इन गलतियों को करने से  घर परिवार को भारी नुकसान उठाना पड़ता है.


कलावा बांधने में करें ये गलतियां (Kalawa rules, Mistakes)


शास्त्रों में कलावा (Kalawa rules) या रक्षा सूत्र बांधने के कई नियम बताए गए हैं. कलावा बांधते समय अगर ये गलतियां की गई तो व्यक्ति को जीवन में भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है.



  • कलावा पुरुषों और अविवाहित कन्याओं को दाएं हाथ में जबकि शादीशुदा महिलाएं को बाएं हाथ में बांधा जाता है.

  • कलावा बंधवाते समय जिस हाथ में कलावा बांधा जा रहा है उसकी मुट्ठी बंधी होनी चाहिए और दूसरा हाथ अपने सिर पर रखना चाहिए.

  • कलावे को हमेशा 3 या 5 राउंड घुमाकर ही हाथ में बांधना चाहिए.

  • कलावा बांधते समय ॐयेन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबलः, तेन त्वां मनुबध्नामि, रक्षंमाचल माचल’ मंत्र का जाप करना चाहिए.

  • शास्त्रों के अनुसार पुराना कलावा को मंगलवार या शनिवार के दिन उतार सकते हैं. इसी दिन इसी समय नया कलावा भी धारण कर सकते हैं.

  • अमावस्या तिथि को भी पुराना कलावा उतार कर नया कलावा बांध सकते हैं.

  • पुराने कलावा को उतार कर जल में प्रवाहित करें या फिर पीपल के पेड़ के नीचे रखें.




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