Kajari Teej Puja: कजरी तीज 2 सितंबर को यानी आज मनाई जा रही है. हर साल भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि यानी रक्षा बंधन के तीन दिन बाद कजरी तीज मनाई जाती है.  हरियाली और हरितालिका तीज की तरह कजरी तीज भी अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए रखा जाता है. इस दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं और शाम के समय चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण करती हैं.


कजरी तीज के दिन शंकर भगवान और माता पार्वती की विधिपूर्वक पूजा की जाती है. आज के दिन शुभ मुहूर्त में पूजा-पाठ करने से अखंड सौभाग्य का वरदान मिलता है. जानते हैं पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि.


कजरी तीज पूजा का शुभ मुहूर्त (Kajari Teej Shubh Muhurt)


कजरी तीज के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 7 बजकर 57 मिनट से सुबह 9 बजकर 31 मिनट तक है. जबकि रात के लिए पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 9 बजकर 45 मिनट से रात को 11 बजकर 12 मिनट तक है.



कजरी तीज 2023 की पूजा विधि (Kajari Teej Puja Vidhi)


इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो कर व्रत का संकल्प लेने चाहिए. पूजा स्थल को साफ करके वहां एक चौकी पर लाल रंग या पीले रंग का वस्त्र बिछाएं.
माता पार्वती और भगवान शिव की मूर्ति स्थापित करें. कुछ लोग मिट्टी मिट्टी की मूर्ति भी बनाते हैं. मूर्ति स्थापित करने के बाद शिव-गौरी की विधि-विधान से पूजन करें, माता गौरी को सुहाग के 16 सामग्री अर्पित करें. इसके बाद भोलेनाथ को  बेलपत्र, गाय का दूध, गंगा जल और धतूरा अर्पित करें.


शंकर-पार्वती की विधिपूर्वक पूजा करने के बाद शिव-गौरी के विवाह की कथा सुननी चाहिए. रात्रि में चंद्रोदय होने पर पूजा करें और हाथ में चांदी की अंगूठी और गेहूं के दाने लेकर चंद्रदेव को जल का अर्घ्य दें.  पूजा समाप्त होने के बाद किसी सौभाग्यवती स्त्री को सुहाग की वस्तुएं दान करके उनका आशीर्वाद लें और व्रत का पारण करें.


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