Jyeshta Month Vrat Festival 2023: 06 मई 2023 से ज्येष्ठ का महीना शुरू हो रहा है. हिंदू कैलेंडर में इसे साल का चौथा महीना माना गया है. ज्येष्ठ का महीना सूर्य देव, हनुमान जी और वरुण देव की पूजा के लिए उत्तम माना जाता है. पुराणों में ज्येष्ठ के महत्व को बताते हुए कहा गया है कि इस माह के मंगलवार को हनुमान जी पहली बार श्रीराम से मिले थे, इसलिए ज्येष्ठ का महीने में मंगलवार के दिन बजरंगबली की पूजा आम दिनों की उपासना से दोगुना फल प्रदान करती है. इसे बड़ा मंगल कहते हैं.


ज्येष्ठ माह महत्व (Jyeshta Month Significance)


ज्येष्ठ में जल का दान महादान कहलाता है. इसी महीने जल से संबंधित व्रत-त्योहार जैसे निर्जला एकादशी और गंगा दशहरा भी मनाए जाते हैं. शनि देव को प्रसन्न करने के लिए ज्येष्ठ अमावस्या श्रेष्ठ मानी जाती है. धार्मिक दृष्टि से ज्येष्ठ का महीना बहुत महत्वपूर्ण माना गया है,इसमें शनि जयंती, वट सावित्री व्रत, निर्जला एकादशी आदि व्रत-पर्व आएंगे. आइए जानते हैं ज्येष्ठ माह के व्रत-त्योहार की लिस्ट.



ज्येष्ठ माह 2023 व्रत-त्योहार (Jyeshta Month vrat tyohar 2023 list)


6 मई 2023, शनिवार - ज्येष्ठ माह शुरू, नारद जयंती


ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस माह की पूर्णिमा पर ज्येष्ठा नक्षत्र का संयोग बनने से इस माह को ज्येष्ठ और जेठ कहा जाता है. ज्येष्ठ महीने में जल का संरक्षण और पेड़-पौधों और जीवों को जल देने और उनकी रक्षा करने से कष्टों का नाश होता है.


8 मई 2023, सोमवार - एकदंत संकष्टी चतुर्थी


एकदंत संकष्टी चतुर्थी के दिन गणपति की पूजा से किसी भी कार्य में विघ्न नहीं आते. इस दिन चंद्रमा की पूजा के बाद ही व्रत खोला जाता है. इस दिन चंद्रोदय रात 09.29 मिनट पर होगा.


9 मई 2023, मंगलवार - बड़ा मंगल


ज्येष्ठ माह के हर मंगलवार को हनुमान जी के निमित्त व्रत और पूजन करने से साधक पर कोई संकट नहीं आता, स्वंय बजरंगबली उसकी रक्षा करते हैं. धन, सुख पाने के लिए इस दिन संकटमोचन की आराधना करनी चाहिए. इस बार बड़ा मंगल (9, 16, 23, 30 मई को है)


12 मई 2023, शुक्रवार - कालाष्टमी, मासिक कृष्ण जन्माष्टमी


कालाष्टमी के दिन भय, दुख, दरिद्रता और शत्रु से मुक्ति पाने के लिए शिव के रौद्र रूप काल भैरव की पूजा अचूक मानी जाती है.


15 मई 2023 - अपरा एकादशी, भद्रकाली जयंती, वृषभ संक्रांति


अपरा एकादशी का व्रत अपार समृद्धि और धन देने वाला माना गया है. इसे भद्रकाली एकादशी और अचला एकादशी भी कहा जाता है. इस दिन सूर्य देव मेष राशि से निकलकर वृषभ राशि में प्रवेश करेंगे.


17 मई 2023, बुधवार - मासिक शिवरात्रि, प्रदोष व्रत (कृष्ण)


ये दोनों ही व्रत शिव को समर्पित है. शिव कृपा पाने के लिए प्रदोष में शाम को और मासिक शिवरात्रि व्रत में रात को महादेव की पूजा उत्तम फलदायी होती है.


19 मई 2023, शुक्रवार - ज्येष्ठ अमावस्या, शनि जयंती, वट सावित्री व्रत


ज्येष्ठ अमावस्या पर शनि जयंती मनाई जाती है. शनि देव की पूजा से साढ़ेसाती और ढैय्या के प्रभाव में कमी आती है. वहीं वट सावित्री व्रत के दिन सुहागिनें पति की लंबी आयु के लिए वट वृक्ष की पूजा करती है.


23 मई 2023, मंगलवार - विनायक चतुर्थी


विनायक चतुर्थी पर गौरी पुत्र गणेश जी की पूजा करने से हर दुख दूर होते हैं. बुद्ध में वृद्धि होती है.


25 मई 2023, गुरुवार - स्कंद षष्ठी व्रत


29 मई 2023, सोमवार - महेश नवमी


महेश नवमी का दिन शिव जी को समर्पित है. इस दिन शिव जी के आशीर्वाद से महेश्वरी समाज की उत्पत्ति हुई थी.


30 मई 2023, मंगलवार - गंगा दशहरा


गंगा दशहरा पर मां गंगा पहली बार पृथ्वी पर आईं थी, इस दिन गंगा स्नान करने से सात जन्मों के पाप धुल जाते हैं. आरोग्य का वरदान मिलता है.


31 मई 2023, बुधवार - निर्जला एकादशी, गायत्री जयंती, राम लक्ष्मण द्वादशी


निर्जला एकादशी का व्रत पति की दीर्धायु के लिए रखा जाता है. इस दिन सुहागिने पीपल की परिक्रमा कर सौभाग्य की कामना करती हैं.


1 जून 2023, गुरुवार- चंपक द्वादशी, प्रदोष व्रत


चंपक द्वादशी ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि पर मनाई जाती है. इस दिन भगवान गोविंद विठ्‌ठलनाथ जी का चंपा के फूलों से श्रृंगार का महत्व है.


4 जून 2023, रविवार- ज्येष्ठ पूर्णिमा, संत कबीरदास जयंती, वट सावित्री पूर्णिमा


ज्येष्ठ पूर्णिमा पर विवाहित स्त्रियां अखंड सौभाग्य के लिए व्रत रखती हैं. इस दिन महाराष्ट्र, गुजरात में वट सावित्री व्रत रखा जाता है.


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