Neechabhanga Raja Yoga: मकर राशि में सितंबर माह में बड़ी हचलच होने जा रही है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार राशि चक्र के अनुसार मकर राशि को दशमी राशि माना गया है. मकर राशि में अभी शनि का गोचर बना हुआ है. 


शनि मकर राशि में कब से हैं?
पंचांग के अनुसार मकर राशि में शनि का प्रवेश यानि राशि परिवर्तन बीते 20 जनवरी 2020 में हुआ था. तब से शनि मकर राशि में ही गोचर कर रहे हैं. ज्योतिष शास्त्र में शनि देव की चाल सबसे धीमी बताई गई है. शनि एक राशि से दूसरी राशि में परिवर्तन करने में लगभग ढ़ाई वर्ष का समय लेते हैं.


कुंभ राशि में गुरु का गोचर
वर्तमान समय में गुरु कुंभ राशि में विराजमान हैं. गुरु 14 सितंबर को कुंभ राशि को छोड़कर वक्री अवस्था में मकर राशि में प्रवेश में करेंगे. मकर राशि में गुरु और शनि की युति बनेगी. जो मेष से मीन राशि तक के लोगों को प्रभावित करेगी.


शनि की साढ़ेसाती
मकर और कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है. इसके साथ महत्वपूर्ण बात ये भी है कि शनि और गुरु दोनों ही ग्रह इस समय वक्री अवस्था में हैं. गुरु वक्री अवस्था में ही मकर राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मकर राशि में जब गुरु आते है तो नीच राजयोग भंग बनाते हैं. 14 सितंबर से गुरु मकर राशि में 'नीचभंग राजयोग' बनाने जा रहे हैं.


राशिफल
शनि और गुरु की युति से जिन लोग पर शनि की महादशी, अंर्तदशा चल रही है, उन्हें धन, सेहत और व्यापार आदि में विशेष सावधानी बरतनी होगी. इसके साथ ही मिथुन, तुला, धनु, मकर और कुुुंभ राशि वालों को भी विशेष सतर्कता बरतनी होगी. इस दौरान मेष, कर्क, तुला और मीन राशि वालों को विवाद की स्थिति से बचना होगा. इसके साथ वृष, कन्या और वृश्चिक राशि वालों को जॉब और करियर में बाधा आ सकती है, दांपत्य जीवन भी प्रभावित हो सकता है.


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