Geeta Ka Gyan: श्रीमद्भागवत एकमात्र ऐसा ग्रंथ है जो मनुष्य को जीने का सही ढंग बताता है. गीता जीवन में धर्म, कर्म और प्रेम का पाठ पढ़ाती है.श्रीमद्भागवत गीता का ज्ञान मानव जीवन और जीवन के बाद के जीवन दोनों के लिए उपयोगी माना गया है. गीता संपूर्ण जीवन दर्शन है और इसका अनुसरण करने वाला व्यक्ति सर्वश्रेष्ठ होता है. श्रीमद्भागवत गीता में भगवान कृष्ण के उपदेशों का वर्णन है जो उन्होंने महाभारत युद्ध के दौरान अर्जुन को दिए थे. गीता की बातों को जीवन में अपनाने से व्यक्ति को खूब तरक्की मिलती है. गीता में श्रीकृष्ण ने बताया है कि मन किसी व्यक्ति का शत्रु कब बन जाता है.


श्रीकृष्ण के अनमोल उपदेश



  • गीता में श्रीकृष्ण कहते हैं कि जो मन को नियंत्रित नहीं करते हैं, उनके लिए वह शत्रु के समान कार्य करता है.

  • किसी के वर्तमान को देखकर उसके भविष्य का मजाक मत उड़ाओ क्योंकि समय में इतनी शक्ति है कि वो कोयले को भी धीरे-धीरे हीरे में बदल देता है.

  • गीता में कहा गया है कि परमात्मा कभी किसी का भाग्य नही लिखते हैं. जीवन के हर एक कदम पर हमारी सोच, हमारा व्यहार, और हमारा कर्म ही हमारा भाग्य निर्धारित करते हैं.

  • श्रीकृष्ण कहते हैं, अगर मेरा भक्त मौन होकर मेरे विश्वास पर सब सुन रहा है तो याद रहे उसके मौन का और उसके विश्वास का जवाब स्वयं मैं देता हूं…!!

  • गीता में वासना, क्रोध और लालच नरक के तीन द्वार माने गए हैं. ये तीनों चीजें आत्म-विनाशकारी मानी जाती हैं.

  • श्रीकृष्ण कहते हैं, न यह शरीर तुम्हारा है, न तुम इस शरीर के हो. यह शरीर अग्नि, जल, वायु, पृथ्वी और आकाश से बना है और अंत में इसी में मिल जायेगा परन्तु आत्मा स्थिर है, फिर तुम क्या हो? भगवान कहते हैं कि हे मनुष्य! तुम अपने आपको भगवान को अर्पित कर दो. यह सबसे उत्तम सहारा है. जो इसके सहारे को जानता है, वह भय, चिन्ता और शोक से हमेशा के लिए मुक्त हो जाता है.

  • गीता के अनुसार, किस्मत का लिखा आपसे कोई छीन नहीं सकता, अगर ईश्वर पर भरोसा है तो आपको वो सबकुछ मिलेगा जिसके आप हकदार हैं!



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