Gayatri Mantra: सभी मंत्रों में गायत्री मंत्र को बेहद शक्तिशाली और प्रभावशाली माना गया है. माना जाता है कि इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति को मानसिक शांति मिलती है और जीवन में खुशियों का संचार होता है. इस मंत्र का प्रयोग हर सफलता के लिए सिद्ध माना गया है.सच्चे मन और विधि पूर्वक गायत्री मंत्र का जाप जीवन के लिए कल्याणकारी साबित होता है. यह मंत्र रोग और शत्रुओं पर विजय दिलाता है. हालांकि गायत्री मंत्र जाप करने के कुछ नियम भी हैं, जिनका ध्यान रखना बेहद जरूरी है. आइए जानते गायत्री मंत्र के लाभ और इससे जुड़े नियमों के बारे में.


गायत्री मंत्र के लाभ


इस मंत्र के जाप से तमाम कष्ट प्रभावहीन हो जाते हैं. इसका प्रयोग हर क्षेत्र में सफलता के लिए सिद्ध माना गया है. मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए भी गायत्री मंत्र का जाप बेहद कारगर माना गया है. नौकरी या बिजनेस में परेशानी होने पर गायत्री मंत्र का जाप लाभ दिलाता है. खास बात यह है कि इस मंत्र के जाप के लिए किसी विशेष समय की आवश्यकता नहीं होती है.


रोगों से मुक्ति पाने के लिए गायत्री मंत्र का जाप अचूक माना गया है. जाप से पहले शुभ मुहूर्त में एक कांसे के पात्र में जल भरें. इसके बाद लाल आसन पर बैठ जाएं और गायत्री मंत्र के साथ ऐं ह्रीं क्लीं का संपुट लगाकर गायंत्री मंत्र का जाप करें. मंत्र जाप के बाद पात्र में भरे जल का सेवन करें. इससे किसी भी रोग से छुटकारा मिल जाएगा.


ये तीन पहर गायत्री मंत्र के लिए उत्तम


ऊँ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्।


गायत्री मंत्र का जाप तीन समय में किया जाए तो ज्यादा असरदार माना जाता है. गायत्री मंत्र जाप का पहला समय सूर्योदय से थोड़ी देर पहले शुरू होकर सूर्योदय के थोड़ी देर बाद तक कर का है. दोपहर के समय में भी गायत्री मंत्र का जाप किया जा सकता है. जबकि तीसरा समय सूर्यास्त से ठीक पहले का है. यह जाप सूर्यास्त से पहले शुरू कर सूर्यास्त के थोड़ी देर बाद तक करें.


गायत्री मंत्र के नियम


गायत्री मंत्र का जाप किसी गुरु के मार्गदर्शन में करना चाहिए. इस मंत्र के जाप के लिए स्नान के साथ मन और आचरण भी पवित्र होना चाहिए. स्नान के बाद साफ और सूती वस्त्र पहनें. कुश या चटाई के आसन पर बैठकर इस मंत्र का जाप करें और इसके लिए तुलसी या चन्दन की माला का प्रयोग करें. अगर आप इस मंत्र का जाप ब्रह्म मुहूर्त में कर रहे हैं तो पूर्व दिशा की ओर मुख करके इसका जाप करें और अगर इसका जाप शाम को कर रहे हैं तो पश्चिम दिशा में मुख कर जाप करें. गायत्री मंत्र का मानसिक जाप किसी भी समय किया जा सकता है.


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