Perfume Astrology for Planet: हिंदू धर्म में नवग्रहों की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है. ग्रह मनुष्य जीवन पर गहरा प्रभाव डालते हैं. कुंडली में ग्रहों की स्थिति के अनुसार हमें शुभ-अशुभ परिणाम मिलते हैं. ग्रहों की शांति के लिए शास्त्रों में कई उपाय बताए गए हैं. कोई रत्न पहनता है तो कोई मालाएं धारण करता है. ग्रहों की वजह से अगर आपके जीवन में समस्याओं का अंबार लगा है तो इन्हें शांत करने के लिए आप सुगंध का इस्तेमाल कर सकते हैं. आइए जानते हैं ग्रहों की पसंद के अनुसार इत्र या सुगंध का प्रयोग करने पर इन्हें अनुकूल बनाए रखने में मदद मिलती है.


सूर्य


अगर कुंडली में सूर्य के अशुभ प्रभाव मिल रहे हों तो केसर या गुलाब की सुगंध का इस्तेमाल करें. ध्यान रहे कि प्राकृतिक और फूलों की सुगंध का ही इस्तेमाल करें.


चंद्रमा


चंद्रमा को मन का कारक माना जाता है. कुंडली में चंद्र ग्रह कमजोर हो तो व्यक्ति को शरीर में जल संबंधी बीमारियों हो जाती है. ऐसे में चंद्रमा की शुभता पाने के लिए चमेली और रात रानी के इत्र  का उपयोग कर सकते हैं.


मंगल


मंगल ग्रह को अग्नि, साहस और ऊर्जा का सूचक माना गया है. ग्रहों के सेनापति मंगल देव को अनुकूल बनाए रखना चाहते हैं तो लाल चंदन की सुगंध का प्रयोग करें. इसे आप तेल, इत्र की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं.


बुध


 इलायची और चंपा की सुगंध बुध को प्रिय है.  इनका इत्र या तेल के इस्तेमाल करना बुध की दृष्टि से उत्तम माना जाता है. शरीर पर  इत्र लगाना है तो इसे नाभि, कलाई और गर्दन के पीछे ही लगाएं.


गुरु


देवताओं के गुरु माने जाने वाले बृहस्पति ग्रह की शांति केवड़े या फिर केसर की सुगंध का उपयोग कर सकते हैं. पीले फूलों की खुशबू  से भी बृहस्पति ग्रह की शुभता पाई जा सकती है.


शुक्र


शुक्र ग्रह के अशुभ प्रभाव से दांपत्य जीवन में परेशानियां आने लगती है. शुक्र को शांत करने के लिए सफेद सुगंधित फूल,  सफेद चंदन और कपूर की सुगंध का उपयोग लाभकारी साबित होता है.


शनि


शनि दोष को कम करने के लिए कस्तूरी  और लोबान की खुशबू का प्रयोग उत्तम रहता है. शनि के अशुभ प्रभाव को कम करने में सौंफ की सुगंध भी घर में इस्तेमाल कर सकते हैं.


राहु और केतु


राहु केतु ग्रह के दुष्प्रभाव से बचने के लिए गाय के घी और कस्तूरी के इत्र का प्रयोग करें. राहु-केतु की शुभता पाने के लिए घर में गुड़ और घी का धूनी भी दे सकते हैं.


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