Evil Eye: ‘बुरी नजर’ या ‘नजर दोष’ की अवधारणा काफी प्राचीन है. यह किसी जाति, धर्म, व्यक्ति, देश या संस्कृति से संबंधित नहीं है. बल्कि दुनियाभर के लोग बुरी नजर पर आज भी विश्वास करते हैं. माना जाता है कि, बुरी नजर का प्रभाव नकारात्मक ऊर्जा के रूप में हमारे जीवन को प्रभावित करता है. इससे कार्य, व्यापार, शिक्षा, स्वास्थ्य, संबंध आदि पर परेशानियां उत्पन्न हो सकती है.

Continues below advertisement

पुराने समय से ही लोग बुरी नजर के प्रभाव या दोष को दूर करने के लिए तरह-तरह के उपाय या टोटके अपनाते हैं. मॉर्डन समय में आजकल नीले रंग के एक गोले का प्रचलन काफी तेजी से बढ़ रहा है, जिसे इविल आई का नाम दिया गया है. आइए जानते हैं आखिर क्या है इविल आई और यह नीले रंग का गोला कैसे बुरी नजर से बचाता है.

क्या है इविल आई

Continues below advertisement

आपने घर, दुकान, गाड़ी, ब्रेलसलेट, पायल आदि कई जगहों पर एक नीला सा गोला या मोती देखा होगा, जिसे ‘नज़र बट्टू’ या Evil Eye कहा जाता है. यह सिर्फ सजावट या आकर्षक का हिस्सा न होकर आस्था और ऊर्जा से जुड़ा प्रतीक भी है.

नीले रंग के गोले (इविल आई) की खासियत

नीले रंग का यह गोला या मोती, जिसे तुर्की भाषा में नजर बोनजुक (Nazar Boncuk) भी कहा जाता है. इसे बुरी नज़र से बचाने वाला प्रतीक माना जाता है. लोग इसे नजर कवच के रूप में प्रयोग करते हैं. ऐसा माना जाता है कि, इससे नकारात्मक ऊर्जा व्यक्ति तक पहुंचने से पहले ही नष्ट हो जाती है. इसलिए लोग इसे घर के मुख्य द्वार के पास भी लगाते हैं.

इविल आई का आध्यात्मिक कारण

नीले रंग को जल और आकाश का प्रतीक माना जाता है, जोकि शांति, शुद्धता और स्थिरता का प्रतीक है. माना जाता है कि इविल आई की नीली तरंगें नकारात्मक ऊर्जा को सोख लेती हैं और उसे निरर्थक कर देती है. वहीं गोल आकार पूर्णता और सुरक्षा का प्रतीक है. इसलिए इसे लोग घर, दुकान या वाहन में लटकाते है, जिससे की बुरी नज़र की ऊर्जा वापस लौट जाए.

आज भी हम नजर दोष और उससे बचाव के कई टोटके अपनाते हैं जैसे- नींबू-मिर्च लटकाना, काला टीका लगाना, ताबीज पहनना आदि. नजर दोष से बचाव के लिए इविल आई का प्रयोग भी इसी विश्वास से जुड़ा है.

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.