Chandra Grahan 2023: अक्टूबर का महीना धार्मिक दृष्टिकोण से बहुत ही खास है. क्योंकि इस माह कई महत्वपूर्ण व्रत-त्योहार पड़ रहे हैं. वहीं इसी महीने एक नहीं बल्कि दो-दो ग्रहण भी लगेंगे. हाल ही में 14 अक्टूबर 2023 को सूर्य ग्रहण लगा था, जिसे रिंग ऑफ फायर का नाम दिया गया.


लेकिन इसके बाद भी ग्रहण का खौफ खत्म नहीं हुआ है, बल्कि 28 अक्टूबर 2023 की मध्यरात्रि को चंद्र ग्रहण लगने वाला है. यह साल का अंतिम ग्रहण होगा, जोकि भारत में भी दिखाई देगा. साथ ही शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima) के दिन लगने वाले इस ग्रहण का नकारात्मक प्रभाव कुछ राशियों पर पड़ सकता है.


साल 2023 का दूसरा चंद्र ग्रहण (Second Lunar Eclipse of 2023)


साल का दूसरा और अंतिम चंद्र ग्रहण 28 अक्टूबर 2023 की मध्यरात्रि को लगने जा रहा है. ग्रहण 29 अक्टूबर को रात 01:05 पर लगेगा और रात 02:24 पर समाप्त हो जाएगा. यह पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा. भारत के साथ ही साल का अंतिम ग्रहण यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, नॉर्थ अमेरिका, उत्तर व पूर्व दक्षिण अमेरिका, अटलांटिका महासागर, हिंद महासागर, अंटार्कटिका में भी देखा जा सकेगा.


चंद्र ग्रहण का सूतक मान्य होगा या नहीं (Chandra Grahan 2023 Sutak Kaal)


ज्योतिष और धार्मिक मान्यता के अनुसार, जब ग्रहण दर्शनीय होता है. यानी जहां दिखाई देता है, वहां इसका सूतक भी मान्य होता है. ऐसे में 28 अक्टूबर 2023 की मध्यरात्रि को लगने वाले चंद्र ग्रहण का सूतक भी मान्य होगा और ग्रहण लगने के 9 घंटे से पहले से यानी 28 अक्टूबर शाम 04:05 से लेकर ग्रहण समाप्त होने तक सूतक मान्य होगा.


किस राशि में लगेगा साल का आखिरी चंद्र ग्रहण और क्या होगा प्रभाव (Chandra Grahan 2023 Rashi and Effect)


ज्योतिष के अनुसार, साल का आखिरी चंद्र ग्रहण मेष राशि और अश्विनी नक्षत्र में लगेगा. भारत में दिखाई देने के कारण यहां इसका सूतक तो मान्य होगा ही. साथ ही ग्रहण का प्रभाव कई राशियों पर भी पड़ेगा. इसलिए ज्योतिष ने ग्रहण के दौरान विशेषकर- मेष, वृषभ, कन्या, मकर राशि वाले लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी है. क्योंकि इन राशियों के लिए चंद्र ग्रहण अशुभ रहने वाला है. वहीं मिथुन, कर्क, वृश्चिक और कुंभ राशि वालों को यह चंद्र ग्रहण शुभ फल प्रदान करेगा.


चंद्र ग्रहण में सूतक के नियम (Chandra Grahan 2023 Sutak Rules)



  • ग्रहण और सूतक काल में गर्भवती महिलाओं को खास सावधानी बरतनी चाहिए. वरना ग्रहण का नकारात्मक प्रभाव गर्भ में पल रहे शिशु पर भी पड़ सकता है. इसलिए इस समय गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए, तेजधार या नुकीली चीजों का प्रयोग नहीं करना चाहिए, मंत्रों का जाप करना चाहिए और अपने पास एक नारियल रखना चाहिए.

  • ग्रहण में सूतक के दौरान पके हुए भोजन को ग्रहण समाप्त होने के बाद भी न खाएं. दूध, पानी, दही आदि जैसे पदार्थों में तुलसी के पत्ते डालकर रख दें. इसके बाद आप ग्रहण खत्म होने के बाद इन चीजों का इस्तेमाल कर सकते हैं.

  • सूतक लगने से पहले ही तुलसी के पत्ते तोड़ लें. क्योंकि सूतक लगते ही तुलसी पौधे को स्पर्श न करें और न ही तुलसी पूजन करें.

  • सूतक काल में भगवान की पूजा भी नहीं करनी चाहिए. इसलिए पूजाघर में पर्दे लगा दें और ग्रहण समाप्त होने के बाद मंदिर में गंगाजल का छिड़काव करें.


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