Chandra Grahan Date: जब चंद्रमा और सूर्य के बीच धरती आ जाती है तो धरती की छाया चंद्रमा पर पड़ती है जिससे चंद्रमा दिखाई देना बंद हो जाता है. इस स्थिति को ही चंद्र ग्रहण कहते हैं. वैसे तो ग्रहण के पीछे वैज्ञानिक कारण हैं, लेकिन धार्मिक मान्‍यताओं में ग्रहण का विशेष महत्‍व है. ज्योतिष में भी चंद्रमा ग्रहण को शुभ नहीं माना जाता है. साल का पहला चंद्र ग्रहण कल यानी 5 मई को लग रहा है. आइए जानते हैं इसके समय और सूतक काल से जुड़ी सारी जानकारी.


चंद्र ग्रहण का समय


साल का पहला चंद्र ग्रहण 5 मई, शुक्रवार के दिन लग रहा है. यह ग्रहण रात में 8 बजकर 46 मिनट से शुरू होकर 1 बजकर 2 मिनट मध्यरात्रि में समाप्त होगा. इस चंद्र ग्रहण की अवधि लगभग 4 घंटे 15 मिनट की होगी. 5 मई को लगने वाला यह ग्रहण एक उपछाया चंद्रग्रहण होगा जो भारत में नहीं दिखाई देगा. यह चंद्र ग्रहण एशिया, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण पूर्वी यूरोप के कुछ भागों में दिखाई देगा. 



चंद्र ग्रहण का सूतक काल


चंद्र ग्रहण का सूतक काल 9 घंटे पहले शुरू हो जाता है. सूतक के दौरान किसी भी तरह के धार्मिक या मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सूतक के दौरान पृथ्वी का वातावरण दूषित होता है और उसके हानिकारक दुष्प्रभाव से बचने के लिए अतिरिक्त सावधानी बरतनी होती है. ग्रहण के सूतक काल में पूजा पाठ और अन्य धार्मिक कार्य वर्जित माने गए हैं.  ग्रहण के समापन के कुछ समय बाद सूतक काल खत्म हो जाता है. सूतक में भगवान की मूर्तियों को भी स्पर्श नहीं किया जाता है.


कल लगने वाला चंद्र ग्रहण भारत में नहीं देखा जा सकेगा. भारत में ना दिखाई देने की वजह से यहां चंद्र ग्रहण का सूतक काल भी नहीं माना जाएगा. सूतक काल ना लगने की वजह से यहां पूजा-पाठ किए जा सकेंगे साथ ही किसी भी तरह के धार्मिक कार्यों पर रोक नहीं रहेगी. 


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