Chanakya Niti, Motivation Thought in Hindi : चाणक्य नीति के अनुसार हर सफल व्यक्ति के शत्रु होते हैं. इन शत्रुओं से सावधान रहना चाहिए. आचार्य चाणक्य अनुसार शत्रु भी दो प्रकार के होते हैं. पहले वे जो दिखाई देते है, दूसरे वे जो छिपे हुए होते हैं. यानि ये दिखाई नहीं देते हैं. शत्रु कैसा भी हो, उससे सदैव सावधान और सर्तक रहना चाहिए. अन्यथा अवसर पाने पर वो हानि पहुंचा सकता है. आचार्य चाणक्य के अनुसार शत्रु को यदि पराजित करना है तो कुछ बातों को हमेशा ध्यान में रखना चाहिए. चाणक्य की ये कौन सी बातें है, आइए जानते हैं-


बुरी संगत से बचें
चाणक्य नीति के अनुसार व्यक्ति को अपनी संगत पर विशेष ध्यान देना चाहिए. जो लोग अपने आसपास अच्छे और योग्य लोग रखते हैं. या इनकी संगत में शामिल रहते हैं, उनसे शत्रु भय खाते हैं. वहीं जब मनुष्य की संगत बुरे लोगों के साथ होती है तो शत्रु इसका भरपूर लाभ उठाने का प्रयास करता है और मौका पर हमला करता है. इसलिए मनुष्य को सदैव अच्छी संगत रखनी चाहिए. विद्वानों के बीच में रहना चाहिए.


नशे की लत, मुसीबत में डाल सकती है
चाणक्य नीति के अनुसार मनुष्य को नशे की लत से दूर रहना चाहिए. जो लोग नशा करते हैं, शत्रु उन्हें आसानी से पराजित कर देते हैं. नशे में व्यक्ति अपने बुद्धि-विवेक का सही प्रयोग नहीं कर पाता और ऐसी गलती कर बैठता है जिसका शत्रु भरपूर लाभ उठा सकता है. नशे की लत सेहत को भी हानि पहुंचाती है. इसलिए इससे दूर ही रहना चाहिए.


कठोर वाणी संबंधों को खराब करती है
चाणक्य नीति के अनुसार मनुष्य को कड़वी या कठोर वाणी नहीं बोलनी चाहिए. शत्रु इसका सबसे अधिक लाभ उठाने का प्रयास करता है. वाणी खराब करने से संबंधों में कमी आती है, करीबी रिश्ते भी दूर होने लगते हैं. कड़वे वचन बोलने वाले से लोग दूरी बनाना पसंद करते हैं इससे छवि पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. इसलिए मधुर वाणी बोलनी चाहिए. विनम्रता के साथ लोगों से मिलना चाहिए.


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