Chaitra Navratri 2024 Navami Highlight: नवमी के बाद कब करें पारण, जानें नवरात्रि खत्म होने के बाद जवारे, नारियल आदि का क्या किया जाता है ?

Chaitra Navratri Navami 2024 Highlight: नवरात्रि में पूरे नौ दिन देवी मां के अलग-अलग स्वरूपों की आराधना की जाती है. नवरात्रि के नौवें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है.

एबीपी लाइव Last Updated: 17 Apr 2024 04:25 PM
नवरात्रि खत्म होने के बाद जवारे का क्या करें?

नवरात्रि खत्म होने बाद जवारे को हरा रहते हुए ही आप दशमी तिथि को जल में प्रवाहित कर दें. जवारे को घर पर अधिक दिनों तक रखकर इसे सूखने नहीं दें. क्योंकि हरे जवारे घर-परिवार की उन्नति को दर्शाते हैं. इसलिए इनका घर पर सूखना शुभ नहीं होता है.

Chaitra Navratri 2024 Paran Time: चैत्र नवरात्रि व्रत का पारण कब?

नवमी तिथि समाप्त होने के बाद आप अपना व्रत खोल सकते हैं. पंचांग के अनुसार चैत्र शुक्ल नवमी तिथि 17 अप्रैल दोपहर 03:14 पर समाप्त होगी. ऐसे में दोपहर 03 बजकर 14 मिनट के बाद आप नवरात्रि व्रत का पारण कर सकते हैं.

हवन और कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त

चैत्र नवरात्रि के महानवमी के दिन हवन और कन्या पूजन का विधान है, लेकिन नवमी तिथि 17 अप्रैल दोपहर 03:14 तक ही थी. इसके बाद पंचांग के अनुसार दशमी तिथि लग चुकी है.

Maa Siddhidatri: आज मां सिद्धिदात्री की पूजा

नवरात्रि के अंतिम दिन नवमी को मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है. मां सिद्धिदात्री को सभी सिद्धियों की देवी माना जाता है. मां के इस रूप की उपासना करने से नवरात्रि के 9 दिनों की उपासना का फल मिल जाता है और भक्तों को यश, बल व धन प्राप्ति का वरदान मिलता है.

Significance of Mahanavami 2024: महानवमी का महत्व

नवरात्रि के नौ दिनों में नौवें या अंतिम दिन का विशेष महत्व है. इसे महानवमी कहा जाता है. भविष्य पुराण के उत्तर-पूर्व में महानवमी पूजन को लेकर भगवान कृष्ण और युधिष्ठिर का संवाद मिलता है. महानवमी का पूजन प्रत्येक युगों में प्रचलित रही है.  

Difference Between Mahanavami and Ram Navami: महानवमी और रामनवमी में अंतर

  • रामनवमी पर दिन में रामजी की पूजा होती है और संध्या में भजन, रामलीला और भव्य शोभा यात्रा निकाली जाती है. जबकि महानवमी पर मां दुर्गा के नौवें स्वरूप सिद्धिदात्री की पूजा होती है.

  • रामनवमी पूजन के बाद भक्तों के बीच प्रसाद वितरण होता है, जबकि महानवमी पर कन्या भोजन कराया जाता है.

  • महानवमी पर दुर्गा सप्तशती, चंडी पाठ या दुर्गा चालीसा पाठ होता है. जबकि रामनवमी पर रामचरितमानल, राम रक्षा स्त्रोत, राम चालीसा या रामायण आदि का पाछ किया जाता है.


Navratri Navami 2024: नवरात्रि के बाद घटस्थापना के जल, ज्वारे का क्या करें ?

नवरात्रि के पहले दिन जिन घरों में घटस्थापना और ज्वारे बोए थे. वह लोग आज हवन के बाद ज्वारे और कलश पर रखा नारियल नदी में प्रवाहित कर दें. साथ ही कलश के जल को घर में सभी जगह छिड़कना चाहिए. सदस्यों पर भी जल छिड़कें. इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है. माता रानी परिवार की रक्षा करती हैं. 

Chaitra Navratri 2024 vrat parana: नवरात्रि व्रत का पारण कब करें ?

चैत्र शुक्ल नवमी तिथि  आज 17 अप्रैल 2024 को दोपहर 03.14 मिनट पर खत्म होगी. ऐसे में जिन लोगों ने 9 दिन का व्रत किया है वह नवमी तिथि के समापन के बाद व्रत पारण कर लें.

Kanya Puja: आज कन्या पूजन में करें इन चीजों का दान

नवरात्रि की महानवमी पर आज कन्या पूजा में कन्याओं को नारियल, लाल चुनरी, श्रृंगार का सामान भेंट करें. कन्या पूजा करने से 9 दिन के व्रत फलित होते हैं देवी दुर्गा परिवार पर आशीष बरसाती हैं.

Maa Siddhidatri Puja: मां सिद्धिदात्री की पूजा के लाभ

भगवान शिव ने भी मां सिद्धिदात्री की कृपा से आठ सिद्धियों अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व और वशित्व को प्राप्त किया है. ये सभी सिद्धियां मां सिद्धिदात्री की आराधना से प्राप्त की जा सकती हैं. इनकी कृपा से सारे कार्य सिद्ध हो जाते हैं.

Maa Siddhidatri Kavach Path: मां सिद्धिदात्री कवच पाठ

ॐकारः पातु शीर्षो माँ, ऐं बीजम् माँ हृदयो।
हीं बीजम् सदापातु नभो गृहो च पादयो॥
ललाट कर्णो श्रीं बीजम् पातु क्लीं बीजम् माँ नेत्रम्‌ घ्राणो।
कपोल चिबुको हसौ पातु जगत्प्रसूत्यै माँ सर्ववदनो॥

Maa Siddhidatri: मां सिद्धिदात्री का स्वरूप

मां सिद्धिदात्री कमल पुष्प पर आसीन हैं, हालांकि इनका भी वाहन सिंह है. मां सिद्धिदात्री चार भुजाओं वाली हैं. इनकी दाहिनी ओर की पहली भुजा में गदा और दूसरी भुजा में चक्र है. बांई ओर की भुजाओं में कमल और शंख है. 

महानवमी 2024 पूजन-विधि (Mahanavami 2024 Pujan Vidhi)


मां सिद्धिदात्री  की पूजा अन्य दिनों की तरह करें. लेकिन इस दिन परिवार के साथ हवन का भी विशेष महत्व है.


स्थापित माता की तस्वीर या मूर्ति के आसापस गंगाजल से छिड़काव करें


पूजा सामग्री अर्पित करके हवन करें.


दुर्गा चालीसा और दुर्गा सप्तशती के सभी श्लोक के साथ मां की आहुति दें.


मां सिद्धिदात्री के बीज मंत्र 'ऊँ ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे नमो नम:' का 108 बार जाप करते हुए आहुति दें 


परिवार के साथ माता की आरती उतारें.


मां सिद्धिदात्री को भोग में हलवा व चना चढ़ाने का विशेष महत्व है.

महानवमी 2024 पर राशि अनुसार करें दान (Mahanavami 2024 Rashi Anusar Daan)

मकर राशि - महानवमी पर इस राशि के लोग काले चने का दान करें. 


कुंभ राशि -  कुंभ राशि वाले नवमी पर केले का फल कन्याओं को बांटें.


मीन राशि - मीन राशि के लोगों को नवरात्रि की महानवमी पर अन्न, वस्त्र का दान करना चाहिए.

महानवमी 2024 पर राशि अनुसार करें दान (Mahanavami 2024 Rashi Anusar Daan)

तुला राशि - तुला राशि के वाले महानवमी पर हलवा पूड़ी बांटना चाहिए. 


वृश्चिक राशि - वृश्चिक राशि के लोग अनार को माता दुर्गा को अर्पण करें


धनु राशि - नवरात्रि के आखिरी दिन किसी जरुरतमंद कन्या को मिट्‌टी के घड़े में जल भरकर दान दें.

महानवमी 2024 पर राशि अनुसार करें दान (Mahanavami 2024 Rashi Anusar Daan)

कर्क राशि - कर्क राशि के वाले दुर्गा नवमी के दिन माता दुर्गा को गुड़ की मिठाई का भोग लगाएं.


सिंह राशि - सिंह राशि वाले 9 कन्याओं को नारियल बांटें.


कन्या राशि - कन्या राशि वाले महानवमी के दिन घी का दान करें.

महानवमी 2024 पर राशि अनुसार करें दान (Mahanavami 2024 Rashi Anusar Daan)

मेष राशि - मेष राशि वाले माता दुर्गा को लाल चुनरी चढ़ाएं, कन्याओं को भी लाल चुनरी दान दें. इससे सुखी वैवाहिक जीवन का वरदान मिलता है.


वृषभ राशि -  वृषभ राशि नवरात्रि की नवमी पर चुनरी में बताशे रखकर माता के चरणों में चढ़ाएं. इससे सौभाग्य बढ़ता है.


मिथुन राशि - मिथुन राशि वालों को महानवमी पर गेहूं का दान करना चाहिए. इससे धन के भंडार कभी खाली नहीं होते.

मां सिद्धिदात्री मंत्र (Maa Sidhidatri Mantra)

ह्रीं क्लीं ऐं सिद्धये नम:। या देवी सर्वभूतेषु माँ सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

महानवमी 2024 कन्या पूजन समय (Mahanavami 2024 Kanya Pujan Time)

आज महानवमी के दिन कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त 17 अप्रैल को सुबह 06.27 मिनट से लेकर 07.51 मिनट तक है, वहीं दोपहर 01.30 मिनट से लेकर 02.55 मिनट तक आप कन्या पूजन कर सकते हैं.

दुर्गा नवमी 2024 की शुभकामनाएं (Durga Navami 2024 Wishes)


चैत्र नवरात्रि महानवमी तिथि (Chaitra Navratri 2024 Mahanavami Tithi)

चैत्र नवरात्र की नवमी तिथि की शुरुआत 16 अप्रैल को दोपहर 01.23 मिनट से हो गई थी जो आज 17 अप्रैल को दोपहर 03.14 मिनट तक रहेगी.
इसीलिए महानवमी आज 17 अप्रैल को मनाई जाएगी.

मां सिद्धिदात्री स्वरूप (Maa Sidhidatri Swaroop)

मां सिद्धिदात्री चार भुजाओं वाली हैं. इनका वाहन सिंह है. ये कमल पुष्प पर भी आसीन होती हैं. इनकी दाहिनी तरफ के नीचे वाले हाथ में कमलपुष्प है.

चैत्र नवरात्रि की नवमी तिथि आज (Chaitra Navratri Navami 2024)

आज चैत्र नवरात्रि की नवमी तिथि है. इस दिन मां दुर्गा के नवें स्वरूप की आराधना की जाती है. दुर्गा नवमी का बहुत खास महत्व होता है. इस दिन नवमी का व्रत रखा जाता है और मां की आराधना कर पुण्य की प्राप्ति होती है.

बैकग्राउंड

Chaitra Navratri Navami 2024 Highlight: चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि (Navami 2024) को नवरात्रि (Navratri 2024) का आखिरी व्रत रखा जाता है. इस दिन मां दुर्गा (Maa Durga) के आखिरी स्वरूप मां सिद्धिदात्री की आराधना की जाती है. मां भगवती के नौ रूपों में मां सिद्धिदात्री का स्वरूप 'सिद्धि' यानी अलौकिक शक्ति प्रदान करने वाला है.


चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri 2024) की शुरूआत 9 अप्रैल 2024 से हुई थी जो आज 17 अप्रैल को महा नवमी तिथि (Maha Navami Tithi) के इसका समापन होगा.


नवमी तिथि (Navami Tithi)


पंचांग (Panachang Today) के अनुसार, चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri 2024) की नवमी तिथि 16 अप्रैल की रात को 1. 23 मिनट से शुरू होगी, जो 17 अप्रैल को दोपहर 3 .14 मिनट होगा. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार 17 अप्रैल को महा नवमी का व्रत रखा जाएगा. 


मां सिद्धिदात्री का स्वरूप (Maa Sidhidatri Swaroop)


मां सिद्धिदात्री चार भुजाओं वाली हैं. इनका वाहन सिंह (Lion) है. ये कमल पुष्प पर भी आसीन होती हैं. इनकी दाहिनी तरफ के नीचे वाले हाथ में कमलपुष्प (Kamal) है.


मां का यह स्वरूप सिद्धिदात्री सभी प्रकार की सिद्धियां देने वाली मां का माना गया है. इनके नाम का अर्थ है, 'सिद्धि' यानी अलौकिक शक्ति और 'धात्री' यानि देने वाली मां. चैत्र नवरात्रि में मां के इस स्वरूप की विशेष महिमा है. मां का ये रूप सभी कार्यों में सिद्धि प्रदान करने वाला बताया गया है.


मां सिद्धिदात्री के मंत्र (Maa Sidhidatri Mantra)


सिद्ध गन्धर्व यक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि।
सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी॥


मां सिद्धिदात्री की उपासना से सारी इच्छाएं पूर्ण हो जाती हैं. ऐसा दिव्य चमत्कार होता है कि कोई कामना बची नहीं रहती. हमे संसार की नश्वरता का बोध हो जाता है. 


इस दिन राम नवमी (Ram Navami 2024) का पर्व भी मनाया जाता है. प्रभु श्री राम (Lord Ram) का जन्म चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि के दिन हुआ था. इसीलिए इस दिन को राम लला (Ram Lala) के जन्म दिवस के रूप में भी मनाया जाता है.


ये भी पढ़ें


नवरात्रि में घर पर खुद इस आसान विधि से करें हवन, जान लें पूजन सामग्री और मंत्र


Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें. 

- - - - - - - - - Advertisement - - - - - - - - -

TRENDING NOW

© Copyright@2024.ABP Network Private Limited. All rights reserved.