Palmistry, Body Parts Twitching: शकुन शास्त्र (Shakun Shastra) के अनुसार शरीर के अंगों का फड़कना शुभ और अशुभ दोनों तरह का संकेत देता है. इसमें जीवन से जुड़े कई राज छिपे होते हैं. यही कारण है कि जब हमारे शरीर का कोई अंग फड़कने लगता है तो हम अनेक तरह की अच्छी बुरी घटनाओं को लेकर आशंकित होने लगते हैं. हालांकि अंगों का फड़कना हमेशा बुरा ही नहीं होता है.


अंगों के फड़कने के बारे में रामचरित मानस में भी बताया गया है. वहीं समुद्र शास्त्र में कहा गया है कि हमारा शरीर बहुत ही संवेदनशील है. यह भविष्य में होने वाली घटनाओं के बारे में संकेत देने लगता है.


मान्यता है कि कुछ अंगों का फड़कना शुभ होता है, तो कुछ का फड़कना अशुभ. शकुन शास्त्र के मुताबिक़, दाएं और बाएं अंगों के अलग-अलग फड़कने या फिर एक साथ फड़कने के अलग-अलग मतलब होते हैं. एक ही अंग के फड़कने का फल स्त्री और पुरुष के लिए अलग-अलग होता है. आइए जानते हैं कि शरीर के किस अंग के फड़कने का क्या मतलब है?



  • शकुन शास्त्र के मुताबिक़, पुरुषों का बाया और औरतों का दाहिना अंग फड़कना अशुभ होता है.

  • मान्यता है कि पुरुष की बाईं आँख और महिला की दाहिनी आंख फड़के दोनों स्थितियों में यह अशुभ होता है.

  • जबकि पुरुष की दाईं आँख और स्त्री की बायीं आँख फड़के तो यह शुभ संकेत होता है.

  • ज्योतिषशास्त्र के अनुसार व्यक्ति के गाल फडकने को शुभ माना जाता है. मान्यता है कि इससे आपको धनलाभ होने वाला है.

  • जब व्यक्ति का दाहिना कान फड़के तो इसका मतलब है कि आपको कोई शुभ समाचार मिलने वाला है. हो सकता है कि आपको कोई उच्च पद प्राप्त हो.

  • ज्योतिषशास्त्र के अनुसार अगर किसी का माथा फड़के तो उसे भौतिक सुख साधनों में वृद्धि के आसार हैं. अर्थात उसकी सुख-सुविधा में वृद्धि होगी.

  • ज्योतिषशास्त्र के अनुसार यदि हथेली फड़क रही है, तो आपको धन मिलेगा.


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