Chikoo Farming Tips:  भारत में किसान अब पारंपरिक खेती के अलावा गैर पारंपरिक खेती की ओर भी आकर्षित हो रहे हैं. इसमें अब कई फलों की खेती भी जा रही है. किसान इसकी खेती से अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. इसमें अब चीकू की फसल भी काफी की जा रही है. चीकू का पौधा एक बार लगाने के बाद कई साल तक उपज देता रहता है. चीकू फल की खेती हर तरह उपजाऊ मिट्टी में की जा सकती है.  इसकी खेती के लिए 5.8 से 8 पीएच वाली मिट्टी को सही माना जाता है. 


चीकू के लिए शुष्क जलवायु सही रहती है. चीकू के लिए गर्मी का मौसम सबसे सही होता है. ठंडे क्षेत्रों में इसकी फसल नहीं की जा सकती है. चीकू की खेती के लिए तापमान न्यूनतम 10 डिग्री सेल्सियस तो वहीं अधिकतम 40 सेल्सियस तक ठीक रहता है. भारत में चीकू की खेती के मामले में  महाराष्ट्र, तामिलनाडु, मध्यप्रदेश, कर्नाटक, उत्तरप्रदेश, आंध्रा प्रदेश,  केरल और गुजरात जैसे राज्यों में ज्यादा की जाती है. 


कैसे करें चीकू की खेती? 


इसकी खेती करने के लिए आपको खेत में मौजूद पुरानी फसलों के वेस्ट को पूरी तरह खत्म करना होता है. इसके  बाद कल्टीवेटर  से अच्छी तरह दो दफा जुताई करनी होती है. फिर मिट्टी को भुरभुरा करने के लिए रोटावेटर से जुताई करनी होती है. इसके बाद खेत को समतल किया जाता है. जिससे इसमें पानी न भर सके. 


चीकू के पौधों को लगाने के लिए पहले खेत में गड्ढे बनाने होते हैं. जमीन में 2 फुट गहरा और 1 मीटर चौड़ा गड्ढा तैयार करने होते हैं. एक लाइन दूसरी लाइन से करीब 5 मीटर दूर रखनी होती है. इसके बाद गड्ढों  में मिट्टी में खाद मिलाकर भर दिया जाता है. 


इसके पौधे को ज्यादा पानी की जरूरत नहीं पड़ती. गर्मियों में इसे सप्ताह में एक बार पानी देना होता है. तो वहीं सर्दियों में दो सप्ताह में एक बार. फूल खिलने के बाद 6-7 महीनों में ही चीकू पकने लगते हैं. जब यह भूरे रंग के हो जाएं. तब इन्हें तोड़ा जा सकता है. 


एक बार में 7-8 लाख का मुनाफा


चीकू का एक पेड़ एक साल में 130 किलो ग्राम फल देता है. एक एकड़ में 300 से ज्यादा पेड़ लगाए जा सकते हैं. यानी कि पूरे एक एखड़ से लगभग 20 टन के करीब उपज हो सकती है. चीकू की कीमत बाजार में 40 से 50 रुपये प्रति किलो ग्राम होती है. यानी इसकी एक बार की उपज से किसान 7-8 लाख तक मुनाफा कमा सकते हैं. 


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