Double Income through Kharif Onion Farming: केंद्र सरकार द्वारा प्याज के उत्पादन में उत्तर पूर्वी राज्यों को आत्मनिर्भर बनाने के मिशन पर काम कर रही है. इस योजना में राष्ट्रीय बागवानी मिशन को जोड़ा गया  है, जिसके तहत किसानों को ट्रेनिंग और आर्थिक अनुदान का प्रावधान है. खरीफ प्याज पर सब्सिड़ी मिलने से बुवाई से लेकर कटाई तक के खर्चों में किसानों को राहत मिलेगी और प्याज की उपज से अच्छा मुनाफा कमाने का मौका भी मिल जायेगा.  जाहिर है कि हर साल प्याज की कम उपज के चलते इसकी कीमतें आसमान छू जाती है, जिसके कारण आम आदमी तक प्याज की पहुंच मुश्किल हो जाती है. लेकिन खरीफ मौसम में प्याज की खेती करने से प्याज उत्तर पूर्वी राज्यों में समय पर प्याज कमी को पूरा किया जा सकेगा.


सरकार देगी आर्थिक अनुदान
किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से अब राज्य सरकारें भी किसानों को आर्थिक अनुदान दे रही हैं. उदाहरण के लिये उत्तर प्रदेश में खरीफ प्याज की खेती के बढ़ावा देने के लिये उत्तर प्रदेश सरकार किसानों को 12000 रुपये प्रति हेक्टेयर के हिसाब से आर्थिक अनुदान दे रही है. इस योजना का लाभ उन किसानों को मिलेगा जो उच्चतम क्वालिटी के प्याज का उत्पादन करेंगे. इसके लिये किसान अपने नजदीकी कृषि विभाग में संपर्क करके आवेदन कर सकते हैं. जिसके बाद राज्य सरकार और कृषि अधिकारियों द्वारा लाभार्थी किसानों को चुना जायेगा. अच्छी क्वालिटी का प्याज उगाने वाले लाभार्थी किसानों के खाते में अनुदान की राशि प्रदान की जायेगी. इससे किसानों को अच्छी क्वालिटी के बीज की खरीद और दूसरे कृषि कार्यों के खर्च पर राहत मिल सकेगी.


मालामाल कर देंगी ये किस्में
प्याज की फसल से बेहतर उत्पादन लेने के लिये जरूरी है कि शुरुआत से आखिर तक हर काम बेहद सावधानी से और अच्छी क्वालिटी के खाद, बीज और जैविक विधि से किया जाये. विशेषज्ञों की मानें तो प्याज की फसल से अच्छा और स्वस्थ उत्पादन लेने के लिये जरूरी है कि अच्छी क्वालिटी के बीजों का इस्तेमाल किया जाये, जिससे फसल में कीट और रोगों की संभावना कम रहे. और कम मेहनत में ही अधिक आमदनी हो जाये. खरीफ सीजन में प्याज की खेती के लिये  एन-53, एफ-1 हाईब्रिड सीड ऑनियन, ब्राउन स्पेनिश और एन- 257-1 के साथ-साथ  एग्रीफाउंट डार्क रेड, भीमा सुपर, एल. 883 एवं एग्रीफाउंट लाइट रेड को सबसे अधिक उत्पादन देने वाली किस्मों में शामिल हैं. इनसे खेती करके किसानों को अधिक पैदावार के साथ अच्छी कमाई हो सकती है. 


कम लागत में अधिक कमाई
खरीफ प्याज की खेती वैसे तो अपने आप में मुनाफे का सौदा है, लेकिन फिर भी खेती में आने वाले खर्च की लागत को कम करने के लिये किसान जैविक विधि इसकी फसल लगायें. 



  • जैविक खेती के जरिये किसान उर्वरक के कम इस्तेमाल में भी अच्छा उत्पादन ले सकते हैं.

  • उर्वरकों के स्थान पर जीवामृत का प्रयोग करें, इससे फसल के साथ-साथ मिट्टी को भी पोषण मिल जायेगा.

  • रसायनिक उर्वरकों के स्थान पर किसान गोबर की कंपोस्ट खाद और नीम की खाद का इस्तेमाल कर सकते हैं .

  • खेत में कीट नियंत्रण के लिये रसायनिक कीटनाशकों के स्थान पर नीम के जैविक कीटनाशक का प्रयोग सुरक्षित रहता है.

  • सिंचाई के लिये ड्रिप इरिगेशन तकनीक का इस्तेमाल करें, इससे कफी हद तक पानी की बचत होती है.

  • सिंचाई हमेशा शाम के समय करें और बैमौसम बारिश की चुनौती से बचने के लिये खेतों में जल निकासी का प्रबंधन जरूर करें. 


 


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