Sugar Production In India: चीनी रेग्युलर डाइट का हिस्सा है. चीनी बॉडी को एनर्जी देने का काम करती है. हालांकि डायबिटीक पेशेंट को चीनी खाने से मना किया जाता है. चीनी सस्ती हो जाए तो रसोई का बजट सुधरने लगता है. जरा सी महंगी होते ही बजट में दिक्कत आने लगती है. लेकिन इस बार चीनी उत्पादन घटने से स्थिति खराब होती दिख रही है. चीनी महंगी हो सकती है. जानने की कोशिश करते हैं कि भारत में चीनी उत्पादन के आंकड़ें की स्थिति क्या है? अलग अलग राज्यों में चीनी उत्पादन कहां घट रहा है और कहां बढ़ रहा है. 


देश में 6 प्रतिशत घटा चीनी उत्पादन


केंद्र सरकार देश में चीनी उत्पादन का लगातार आंकड़ा जुटा रही है. शुगर मार्केटिंग ईयर अक्टूबर से सितंबर तक होता है. मौजूदा सीजन में चीनी उत्पादन 15 अप्रैल तक 6 प्रतिशत घटकर 3 करोड़ 11 लाख टन रह गया है. इसके पीछे मुख्य वजह महाराष्ट्र में चीनी उत्पादन का घटना बताया जा रहा है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उद्योग संगठन इस्मा के अनुसार, मार्केटिंग ईयर 2021-22 में इसी पीरियड में चीनी उत्पादन 3 करोड़ 28.7 लाख टन था. लेकिन इस साल यह 17 लाख टन तक घट गया है. 


महाराष्ट्र, कर्नाटक में घटा उत्पादन


महाराष्ट्र चीनी उत्पादन का बड़ा राज्य है. मगर यहां चीनी उत्पादन घट गया है. महाराष्ट्र में पिछले सीजन में चीनी उत्पादन 1 करोड़ 26.5 लाख टन था, जोकि इस साल घटकर 1.05 करोड़ टन रह गया है. वहीं, कर्नाटक में चीनी उत्पादन 58 लाख टन से घटकर 55.3 लाख टन हो गया है.


यूपी में उत्पादन बढ़ने से राहत


भारतीय चीनी मिल संघ के आंकड़ों में सामने आया है कि उत्तर प्रदेश चीनी उत्पादन का दूसरा सबसे बड़ा राज्य है. पिछले सीजन में चीनी का उत्पादन 94.4 लाख टन था. इस बार यह 1 अक्टूबर, 2022 से 15 अप्रैल, 2023 तक बढ़कर 96.6 लाख टन हो गया है. उत्तर प्रदेश में चीनी उत्पादन के बड़े आंकड़ों से केंद्र सरकार ने राहत की सांस ली है. 


इस साल 18 लाख टन कम होगा उत्पादन


इस्मा ने मार्केटिंग ईयर 2022-23 के लिए अनुमान लगाया हैै कि इस बार देश में 3.40 करोड़ टन चीनी उत्पादन हो सकता है, जबकि पिछले साल चीनी उत्पादन 3.58 करोड़ टन था. चीनी उत्पादन कम होना भारत के लिए चिंता का विषय है. दुनिया में भारत ब्राजील के बाद दूसरा चीनी उत्पादक देश है. 


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