Stubble Burning Side Effects: गेहूं की कटाई शुरू हो गई है. कटाई को देखते हुए केंद्र सरकार ने गेहूं खरीद शुरू कर  दी है. वहीं, गेहूं कटाई के बाद किसान उसके अवशेष यानि पराली को खेत में ही छोड़ देते हैं. देश में हर साल पराली का संकट रहा है. दिल्ली, एनसीआर, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान में पराली का प्रकोप देखने को मिलता है. अब अलग अलग राज्य सरकारें पराली प्रबंधन बढ़ाकर उसे कमाई का जरिया बना रही हैं. 


यूपी में हर साल 2.5 लाख टन मेथेनॉल का उत्पादन


उत्तर प्रदेश सरकार पराली को इनकम का जरिया बना रही है. अब उत्तर प्रदेश सरकार ने पराली से कमाई करने के लिए डेनमार्क का साथ लिया है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार,  डेनमार्क नई तकनीक से इथेनॉल बनाने के लिए जाना जाता है. साथ में मेथेनॉल भी बनाया जाएगा. वर्ष 2025 से यूपी में पराली से इथेनॉल और मेथेनॉल बनाने का काम शुरू कर दिया जाएगा. बनाए जा रहे प्लांट से हर साल 1.00 लाख टन इथेनॉल और 2.50 लाख टन मेथेनॉल बनाया जाएगा. इथेनॉल और मेथेनॉल दोनों ही एल्कोहल के प्रकार हैं. अभी तक उत्तर प्रदेश सरकार बहुत कम लेवल पर इथेनॉल का उत्पादन करा रही है. 


गोरखपुर में लग रहा प्लांट


गोरखपुर में इंडियन ऑयल कॉर्पाेरेशन भी पराली से 2जी इथेनॉल बनाने के लिए प्लांट लगाने जा रहा है. इसे बनाने पर 800 करोड़ रुपये खर्चा आएगा. प्लांट में किसानों से गन्ना का कचरा और पराली लिया जाएगा. उन्हें मिलाकर ही 2जी इथेनॉल बनाया जाएगा.


पानीपत में बनाया जा रहा 2 जी इथेनॉल


उत्तर प्रदेश ही नहीं हरियाणा में भी पराली से 2 जी इथेनॉल बनाया जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 अगस्त को पीएम मोदी ने प्लांट का शुभारंभ किया था. इस प्लांट को 900 करोड़ रुपये से बनाया है. इस प्लांट को इंडियन ऑयल कॉर्पाेरेशन लिमिटेड रिफाइनरी की ओर से चलाया जा रहा है. यहां किसानों से 172 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से पराली खरीदी. प्लांट मेें हर दिन 100 किलोलीटर (एक किलोलीटर में 1 हजार किलो) 2जी इथेनॉल बनाया जा सकता है. 


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