Animal Husbandry:  देशभर में पशुपालन का चलन बढ़ रहा है. दूध का बढ़ती डिमांड के बीच ये बिजनेस फायदे का सौदा साबित हो रहा है, लेकिन अब कई जगह पशुपालन का व्यवसायीकरण भी होता जा रहा है. कुछ लोग पशुओं को सिर्फ दूध उत्पादन वाली मशीन समझने लगे हैं, जब तक पशु दूध का उत्पादन करते हैं, तब तक ही पशुपालक उनकी देखभाल करते है और बढ़िया खान-पान देते हैं, लेकिन जब पशु दूध नहीं देते तो उन्हें सकड़ें हांकने के लिए छोड़ दिया जाता है. यही मवेशी बाद में सकड़ों पर अपना गुजर-बसर करते हैं. इन बेसहारा पशुओं की वजह से कई बार सकड़ों पर जा रहे राहगीर दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं.


आवारा-छुट्टा पशुओं के कारण सड़क दुर्घटनाओं का आंकड़ा तेजी से बढ़ता जा रहा है, जिसे लेकर अब आम जनता से लेकर किसान भी काफी परेशानी हो रहे हैं. ये आवारा पशु खेतों में घुंसकर फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं. कई इलाकों में तो इस कड़क सर्दी में भी किसान रातभर खेतों की रखवाली के लिए बैठे रहते हैं. इन सभी समस्याओं के यूपी सरकार ने एक परमानेंट सोल्यूशन ढूंढ लिया है.


विशेष अभियान चलाएगी सरकार
किसान तक की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश के हर जिले में बेसहारा पशुओं को चिन्हित करने और उन्हें गौशालाओं तक पहुंचाने के लिए स्पेशल टास्ट फोर्स बनाई जा रही है. यूपी के पशुपालन मंत्री धरमपाल सिंह ने बताया कि छुट्टा पशुओं के आंतक से निजात दिलाने के लिए राज्य सरकार 5 जनवरी से 20 जनवरी तक अभियान चलाने जा रही है.


इस अभियान के तहत हर जिले के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया जाएगा, जिस पर संबंधित जिले का कोई भी निवासी आवारा पशुओं की लोकेशन की बता सकता है. इन पशुओं की जानकारी मिलते ही जिला प्रशासन की टास्क फोर्स घटनास्थल पर पहुंचकर इन गौवंशों को इकट्ठा करेगी और सही-सलामत आश्रय स्थल या गौशालाओं तक पहुंचाने का काम करेगी.


"जब दूध देती है, तब तक ही गाय पालते हैं लोग"
आवारा पशुओं के आंतक से निजात दिलाने वाली इस योजना पर यूपी के पशुपालन मंत्री ने कहा कि ये आवारा-छुट्ट पशु कहीं बाहर से नहीं आए हैं. जब तक मवेशी दूध देते हैं, बस पशुपालक भी तब ही तक उन्हें पालते हैं. ये दूध देना बंद कर देते हैं तो लोग उन्हें खुला छोड़ देते हैं, जो बिल्कुल सही नहीं है.


यह किसानों के लिए बड़ी समस्या बनते जा रहे हैं. खुले में छोड़े गए पशु किसानों की फसल को खाते हैं. पशुपालन मंत्री ने कहा कि यदि पशु खेतों में नहीं खाएं तो कहां खाएं और किसान यदि फसल को नहीं बचाएंगे तो बच्चों को क्या खिलाएंगे, इसलिए यह समस्या परस्पर एक दूसरे पर हावी है, जिसके समाधान के लिए यूपी सरकार मुजफ्फरनगर जिले में एक बड़ी गौशाला बनाने जा रही है.


गौशाला में होंगे सारे इंतजाम
यूपी सरकार ने आम जनता को इन आवारा पशुओं से निजात दिलाने का प्लान बनाया ही है, साथ में इन पशुओं की देखभाल का भी इंतजाम किया है. जानकारी के लिए बता दें कि यूपी के मुजफ्फरनगर जिले में यूपी सरकार एक बड़ी गौशाला बनाने जा रही है, जहां इस तरह के बेसाहारा पशुओं के लिए खान-पान, रहन-सहन का पूरा इंतजाम किया जाएगा.


यह गौशाला पुरकाजी खादर क्षेत्र में स्थित चंदन गांव में 70 हेक्टेयर जमीन में बनने जा रही है, जिसमें 5000 आवारा गौवंशों को रखने की सुविधा होगी. जल्द इस गौशाला का निर्माण चालू हो जाएगा और आम जनता से लेकर किसानों की एक बड़ी समस्या का समाधान होगा. 


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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