Soya Milk Processing Unit for Profitable Income: भारत में दूध उत्पादन (Milk Production) बढ़ाने के लिये पशु पालन का दायरा भी बढ़ाया जा रहा है, लेकिन पशुओं से बढ़ती आबादी की मांग को पूरा करना काफी मुश्किल हो जाता है. ऐसे में किसान सोयाबीन से दूध की प्रोसेसिंग (Milk Processing from Soyabean)  करके अच्छी आमदनी कमा सकते हैं. बता दें कि सोयबीन एक तिलहनी फसल (Soyabean Oil Seed) है, जिससे तेल निकाला जाता है, लेकिन नई कृषि तकनीकों के जरिये किसान इससे दूध (Soya Milk) और टोफू (Soya Tofu)बनाकर अच्छी आमदनी कमा सकते हैं.


कैसे बनता है सोया दूध (Process of Making Soya Milk) 
सोया मिल्क बनाने के लिये सूखे सोयाबीन के दानों को भिगोकर पानी के साथ पीसा जाता है. इस काम के लिये सोया मिल्क मशीन या रसोई में मिलने वाले मिक्सर ग्राइंडर का इस्तेमाल भी कर सकते हैं. इसके अलावा, सोयाबीन का जमा हुआ प्रोटीन सोया टोफू, फ्लेबर्ड मिलकर और दही बनाने के काम में भी आता है. 



  • रिसर्च की मानें तो करीब एक किलो सोयबीन से 7.5 लीटर सोया मिल्क बना सकते हैं.

  • इस प्रकार 1 लीटर सोया मिल्क का इस्तेमाल 2 लीटर फ्लेवर्ड मिल्क और 1 किलो सोया दही बनाने में किया जाता है.

  • बाजार में सोयाबीन का भाव 45 रुपये प्रति किलो है. ऐसे में सिर्फ 60 रुपये के सोयाबीन से 10 लीटर सोया दूध तैयार कर सकते हैं.

  • इसी प्रकार सोयाबीन के दूध से पनीर, टोफू और दही तैयार किया जाता है, जो सेहत और कमाई के मामले में साधारण दूध का भी रिकॉर्ड तोड़ रहे हैं.




इस तरह लगायें सोया प्लांट (Soya Milk Plant) 
सोया प्लांट लगाने के लिये सही ट्रेनिंग और बाजार मांग का ख्याल रखना बेहद जरूरी है. बड़े स्तर पर सोया प्लांट लगाने के लिये कुछ मशीनों की जरूरत पड़ती है, जिसमें भरण और पिसाई करने वाली इकाई,



  • सोया उत्पाद के भंडारण के लिए स्टोरेज टैंक, बॉयलर यूनिट, कुकर, विभाजक, न्यूमेटिक टोफू प्रेस और कंट्रोल पैनल आदि शामिल हैं. इसके अलावा ग्राइडिंग सिस्टम में टॉप हॉपर, फीडर कंट्रोल प्लेट, बॉटम हॉपर और ग्राइंडर लगे होते हैं. 

  • भारत में सोया मिल्क के लिये स्वदेशी सोयामिल्क संयंत्र का आविष्कार किया गया है. ये प्लांट उत्पाद प्रसंस्करण प्रभाग, केंद्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान भोपाल के वैज्ञानिकों ने विकसित किया है.


सोया मिल्क प्रोसेसिंग से कमाई (Income From Soya Milk Processing) 
आज बीमारियां और संक्रमण के दौर में लोग अपनी सेहत प्रति काफी जागरुक होते जा रहे हैं. कुछ लोग ऐसे में भी जो दूध पीना पंसद नहीं करते या दूध उन्हें सूट नहीं करता. ऐसे लोग सोया दूध (Soya Milk) का विकल्प अपनाते हैं, जिसमें फैट की ज्यादा मात्रा नहीं होती. यही कारण है कि बाजार में इसकी काफी डिमांड रहती. अच्छी पैकेजिंग और मार्केटिंग स्ट्रेटजी अपनाकर बाजार में सोया दूध बेचना काफी आसान हो जाता है.



  • बता दें कि बाजार में सोया दूध की कीमत (Soya Milk Price) 40 रुपये प्रति लीटर और टोफू 150-200 रुपए प्रति किलो के भाव पर बिकता है. इस प्रकार सालभर में आसानी से 6 लाख रुपये की आमदनी शुरु कर सकते हैं.

  • सोया मिल्क यूनिट (Soya Milk Unit)  को शुरु करने में ठीक-ठाक लागत लग जाती है, जिसे बैंक लोन या नाबार्ड लोन (NABARD Loan for Soya Milk Unit) के जरिये कवर कर सकते हैं.

  • केंद्र सरकार भी 'सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना' (Pradhan Mantri Suksham Khad Unnayan Yojana) के तहत कृषि स्टार्ट (Agriculture Start Up)अप शुरु करने पर आर्थिक अनुदान देती है. ऐसे में सोया मिल्क यूनिट लगाकर किसान अच्छी आमदनी ले सकते हैं.




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