Rose Farming Tips: भारत में अब किसान पारंपरिक खेती को छोड़ कर अन्य तरह की फसलों की ओर भी रुख कर रहे हैं. इसमें फलों और फूलों की भी खेती शामिल है. गुलाब दुनिया में सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाला फूल है.


भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में गुलाब के फूलों की खूब डिमांड रहती है. गुलाब को फूलों से बहुत सी चीजों का निर्माण किया जाता है. इसकी खेती किसानों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है. चलिए जानते हैं कैसे कर सकते हैं गुलाब की खेती. 


कैसी मिट्टी सही रहती है?


गुलाब की वैश्विक मांग को देखते हुए गुलाब की खेती करने की तरफ किसानों का रुझान काफी बढ़ा है. समान्य तौर पर भारत में गुलाब की खेती तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल के राज्यों में ज्यादा की जाती है. गुलाब की खेती करने के लिए 15 डिग्री से लेकर 28 डिग्री तक का तापमान सही रहता है . गुलाब के लिए इस्तेमाल की जाने वाली मिट्टी का पीएच मान 6 से लेकर 7.5 के बीच तक सही माना जाता है. इसके लिए रेतीली दोमट मिट्टी सही मानी जाती है.


कैसे खेती की तैयारी करें? 


सामान्य तौर पर किसान बीज से गुलाब की खेती कर रहे हैं. तो उसके लिए खेत की जुताई करें. नर्सरी में गुलाब के बीच की बुवाई पहले ही कर दें. जब वह पौधे बन जाए तो उसके बाद उन्हें नर्सरी से निकाल कर तुरंत खेत में लगा दें. पौधों की एक लाइन दूसरी लाइन से 5 फीट की दूरी पर रखें और इतनी ही दूरी पर एक पौधे को दूसरे पौधे को लगाएं. खेत में गुलाब के पौधों को सितंबर से अक्टूबर के बीच में लगा देना चाहिए. तो वहीं दिसंबर और जनवरी के बीच इनकी छंटाई कर देनी चाहिए. 


कटाई का सही समय क्या है? 


गुलाब के फूलों की पंखुड़ियां आओ जब चमकीले रंग की होने लगती है तब उन्हें काटने का सही वक्त होता है. दूसरे साल में गुलाब के खेत में फूलों की अच्छी उपज होती है. मार्च में छंटाई के बाद अच्छे फूल आने लगते हैं. 40 दिन तक यह फूल रहते हैं. गुलाब की कटाई के बाद फूलों को पानी में डाल के कोल्ड स्टोरेज में रख दिया जाना चाहिए.  मार्केट में गुलाबों से बनी कई प्रकार की सामग्रियां मिलती हैं. ऐसे में आप सही खरीदार को पकड़ के अच्छी कीमत ले सकते हैं.  


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