Quinoa Cultivation for Better Income: किनोवा को रबी सीजन (Rabi Season) की प्रमुख नकदी फसल कहते हैं, जिसकी खेती अक्टूबर से लेकर मार्च तक की जाती है. किनोवा पत्तेदार सब्जी बथुआ (Chenopodium Album) की प्रजाती का सदस्य पौधा है. इसी के साथ, यह एक पोषक अनाज भी है, जिसे प्रोटीन की बेहतरीन स्रोत भी कहते हैं. इसे शरीर में वसा कम करने, कोलस्ट्रॉल घटाने और वजन कम करने के लिये प्रभावी तरीका मानते हैं. इसके चमत्कारी गुणों को रखते हुये संयुक्त राष्ट्र संघ (United Nations Organization) से इसे पोषण अनाज (Nutritious Cereals) की श्रेणी में शामिल किया है. फिलहाल बाजार में इसकी मांग काफी बढ़ रही है, जिसकी खेती किसानों के लिये भी फायदे का सौदा साबित हो सकती है. 


क्या है किनोवा (What is Qionoa) 
किनोवा का वानस्पतिक नाम चिनोपोडियम किनोवा है, जो शुरुआत में तो हरे रंग का पौधा होता है, लेकिन बाद में ये गुलाबी रंग में बदल जाता है. वैसे तो इसकी खेती साल में कई बार की जाती है, लेकिन सर्दियों में किसान इसकी खेती करके अधिक उत्पादन ले सकते हैं. इसकी खेती के लिये अच्छी जल निकासी वाली हल्की रेतीली या दोमट मिट्टी ही उपयुक्त रहती है. किनोवा के उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाने के लिये जैविक विधि से इसकी खेती करना फायदेमंद रहता है.




इस तरह करें खेती (Process of Quinoa Cultivation) 
किनोवा की खेती के लिये जमीन में 2 से 3 बार गहरी जुताईयां लगाकर समतली क्यारियां बनाई जाती है. खेत की मिट्टी को पोषण प्रदान करने के लिये भरपूर मात्रा में गोबर की सड़ी या कंपोस्ट खाद मिलाई जाती है. किनोवा उगाने के लिये अलग से उर्वरकों की जरूरत नहीं पड़ती और ना ही फसल में कीड़े और बीमारियों की संभावना रहती है, लेकिन स्टेम बोरर, एफिड्स, लीप हुपर जैसी समस्याओं का प्रकोप रहता ही है, जिसे जैविक कीट नियंत्रण के जरिये रोका जा सकता है. 


इस तरह करें बुवाई (Seeding of Quinoa) 
किनोवा की खेती करने के लिये प्रति हेक्टेयर जमीन पर 5 से 8 क्विंटल बीजों की जरूरत पड़ती हैं. बुवाई से पहले बीजों का उपचार जरूर करना होता है. इसके लिये 5 ग्राम एप्रोन 35 एस.डी. नामक दवा से प्रति किलोग्राम बीजों का उपचार करें. 





  • किनोवा के बीजों को कतारों में बोयें और बुवाई के बाद एकदम हल्की सिंचाई का काम भी कर लेना चाहिये.

  • किनोवा की खेती के लिये अधिक पानी की जरूरत नहीं होती, सिर्फ 2 से 3 सिंचाई में इसे उगाकर अच्छा उत्पादन ले सकते हैं.

  • इसमें पहली सिंचाई बुवाई के तुरंत बाद की जाती है.

  • दूसरी सिंचाई फसल की उम्र 30 दिन होने के बाद निराई-गुड़ाई के बाद की जाती है.

  • तीसरी सिंचाई 70 दिन बाद करना फायदेमंद रहता है, जिससे फसलों को अतिरिक्त पोषण भी मिल जाता है.

  • किनोवा की फसल में खरपतवारों की काफी संभावना रहती है, इसलिये बुवाई के 30 दिन और 50 दिन बाद निराई-गुड़ाई का काम करना चाहिये.


किनोवा की खेती से उत्पादन और आमदनी (Income & Outcome from Quinoa Farming) 
कम सिंचाई (Less Irrigation for Quinoa Cultivation) और देखभाल में भी किनोवा की फसल से अच्छा उत्पादन ले सकते हैं. एक अनुमान के मुताबिक एक एकड़ जमीन पर 20 से 24 क्विंटल तक उत्पादन मिल जाता है.



  • मंडियों में किनोवा (Quinoa Price in India) की प्रति क्विंटल उपज का भाव 8,000 से 10,000 रुपये है. इस प्रकार सिर्फ एक एकड़ जमीन पर किनोवा उगाकर (Quinoa Cultivation) कम समय में 2 लाख से 2.4 लाख रुपये तक की आमदनी कमा सकते हैं.

  • इसकी खेती (Quinoa Farming) करने का सबसे बड़ा फायदा यही है कि ना ही इसे पशु खाते हैं और ना ही कीट-रोग का प्रकोप होता है, जिससे खेती की अतिरिक्त लागत कम हो जाती है और मुनाफा कई गुना बढ़ जाता है. 




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