Broccoli Cultivation: खेती की बढ़ती लागत के बीच कई किसानों को मानना है कि यह फायदा का सौदा नहीं रही, जबकि कई किसान पारंपरिक खेती के बजाए आधुनिक खेती की तरफ रुख कर रहे हैं और अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. एक्सपर्ट्स भी यही कहते हैं कि समय के साथ खेती में भी बदलाव लाना होगा, किसानों को भी काम करने के तरीके बदलने होंगे, जिससे कि कृषि की लागत को कम करके बढ़िया उत्पादन लिया जा सके. इन दिनों आधुनिक खेती के अलावा विदेशी फसलें भी किसानों को मुनाफा लेने में मदद कर रही हैं.


शहरों में विदेशी फल, सब्जी, अनाजों की मांग बढ़ रही है. बड़े-बड़े फाइव स्टार होटलों से लेकर कैफे, रेस्त्रां और फूड कोर्ट में भी अब विदेशी सब्जियों का इस्तेमाल किया जा रहा है. इसका फायदा किसानों को भी मिल रहा है.


जम्मू-कश्मीर की वादियों में आज कई विदेशी सब्जियां उगाई जा रही है, यहां मिट्टी और जलवायु में बढ़िया क्वालिटी की उपज मिल रही है. सोहन लाल शर्मा भी विदेशी सब्जियां उगाने वाले किसानों में आते हैं जो पिछले कई सालों से ब्रोकली और रंगीन फूल गोभी उगा रहे हैं.


ब्रोकली ने बना दिया मालामाल
जम्मू के रहने वाले सोहन लाल शर्मा शुरुआत में परंपरागत खेती करते थे, जिससे ना सही उत्पादन मिलता था और ना ही उपज के सही दाम. इसके बाद उन्होंने विदेशी और महंगी सब्जियों की खेती चालू की, जिसे एक्जोटिक क्रॉप्स भी कहते हैं. सोहन लाल शर्मा ने सबसे ज्यादा मांग वाली विदेशी सब्जी-ब्रोकली के साथ-साथ कैरोटिना और वेलेंटीना उगाई. धीरे-धीरे एकड़ खेत से अच्छा उत्पादन मिलने लगा.


आज सोहन लाल शर्मा अपने इसी 1 हेक्टेयर खेत में कैरोटिना, वेलेंटिना और ब्रोकली उगाकर करीब 3 लाख 98 हजार रुपये की आमदनी ले रहे हैं. कृषि विज्ञान केंद्र जम्मू की वेबसाइट पर आधारित जानकारी के मुताबिक, सोहन लाल शर्मा को ब्रोकली की खेती के नवाचार के लिए साल 2022 में  जम्मू की शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय से प्रगतिशील किसान पुरस्कार  भी मिल चुका है.






क्या है ब्रोकली
दुनियाभर में फूलगोभी की कई वैरायटी पाई जाती हैं. ब्रोकली भी उन्हीं में से एक है, जो हर तरह की मिट्टी में उगाई जा सकती है. यदि आपको फूलगोभी या पत्तागोभी की खेती से सही कमाई नहीं होती तो आप ब्रोकली उगा सकते हैं. इस सब्जी की शहरों में काफी मांग रहती है. इसकी खेती सर्द या कम तापमान वाले इलाकों में की जाती है. उत्तर भारत में दिसंबर का महीने इसकी बुवाई-रोपाई के लिए सबसे उपयुक्त रहता है, जिससे मार्च तक बढ़िया उत्पादन ले सकते है.


एक अनुमान के मुताबिक, ब्रोकली की खेती में कुल लागत 25,000 रुपये तक आ जाती है, जिसके बाद 3 से 4 महीने के अंदर प्रति एकड़ से 3600 किलोग्राम पर उपज ले सकते हैं. थोक मंडियों में ब्रोकली 35 रुपये पर पीस बिकती है. इस हिसाब से आप 4 महीने अंदर सवा लाख रुपये की आय ले सकते हैं.


कैरोटीना-वेलेंटीना भी मुनाफेमंद
फूलगोभी की विदेशी किस्मों में कैरोटीना और वेलेंटीना भी शामिल हैं. कैरोटीना का रंग पीला और वेलेंटीना का रंग बैंगनी होता है. ये दोनों वैरायटी रोपाई के 75 से 85 दिनों में पककर तैयार हो जाती है. इनमें विटामिन-ए भी भरपूर मात्रा में होता है. इनका रंग तो आकर्षण का केंद्र होता ही है. इनका आकार भी साधारण गोभी से ज्यादा होता है.


एक से दो किलो वजन वाली ये फूलगोभी उगाकर आप साधारण गोभी से दोगुना ज्यादा उत्पादन और मुनाफा कमा सकते हैं, एक अनुमान के मुताबिक, बाजरा में साधारण गोभी का फूल 15 से 20 रुपये का मिल जाता है, जबकि कैरोटीना और वेलेंटीना को 50 से 100 रुपये प्रति किलोग्राम तक थोक मंडियों में बेच सकते हैं. 


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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