Frost Effect On Crop: देश में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. पाला अधिक पड़ने से फसलें बर्बाद हो रही है. आलू, सरसों समेत अन्य फसलों पर पाला प्रभाव डाल रहा है. किसान बचाव के लिए तमाम इंतजाम कर रहे हैं. दवा छिड़काव व बचाव को अन्य बंदोबस्त के लिए विशेषज्ञों से भी सलाह ले रहे हैं. लेकिन पाला के अलावा अन्य रोग भी आलू की फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं. आइए जानते हैं सर्दी में किस तरह से आलू की फसलों को नुकसान हो रहा है.  


अगात झुलसा 
अगात झुलसा सर्दी का रोग होता है. तापमान में बहुत तेजी से गिरावट होने और नमी अधिक होने पर यह रोग बहुत तेजी से फैलता है. इस रोगमें पौधों की पत्तियों पर गोल गोल धब्बे बन जाते हैं. पत्तियां झुलस जाती हैं. पत्तियों के झुलसने के साथ ही पौधे नष्ट हो जाते हैं. उत्तर भारत के कई राज्यों में यह रोग जनवरी के दूसरे-तीसरे सप्ताह में देखने को मिलता है. बचाव के लिए विशेषज्ञों की राय पर दवा का छिड़काव करना चाहिए. झुलसा रोग के लिए फसलों की सिंचाई, फसलों के आसपास धुआं करके भी बचाव किया जा सकता है. 


पिछात झुलसा
ठंड में जब तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से 19 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है तो इस रोग के होने की संभावना बेहद अधिक हो जाती है. इस तापमान को किसान फसलों के लिए आफत के तौर पर देखते हैं. यदि फसल में संक्रमण लग जाए और उसी दौरान बारिश हो जाए तो फसल बर्बाद हो जाती है. इस रोग में आलू की पत्तियां किनारे से सूखना शुरू करती हैं. बाद में सारी पत्ती सूख जाती हैं. 


लाही 
सर्दियों में आलू में लाही का आक्रमण भी देखा जा रहा है. लाही गुलाबी या हरे रंग का दिखाई देता है. यह पौधों की पत्तियों का रस चूस लेता है. इससे पौधे बहुत कमजोर और टेढ़े मेढ़े हो जाते हैं. इस रोग के होने पर फसल की उत्पादन क्षमता बहुत कम हो जाती है. यह आलू, सरसों के अलावा अन्य फसल को भी नुकसान पहुंचाता है. इस रोग से बचाव के लिए विशेषज्ञों से राय लें.



Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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