Wheat Seeds Online Booking: भारत में गेहूं की खपत और गेहूं का उत्पादन बड़े पैमाने पर होता है. भारत के गेहूं की मांग दुनियाभर में बनी रहती है. किसान भी अब गेहूं की अच्छी पैदावार वाली करण वंदना (Karan Vandana Wheat) और करन नरेंद्र (Karan Narendra Wheat) किस्मों को वरीयती दे रहे हैं. अब इन किस्मों से खेती करना और भी आसान हो गया है. दरअसल भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान (Indian Institute of Wheat and Barley Research) के पोर्टल पर गेहूं की करण वंदना और करण नरेंद्र किस्म के बीजों की ऑनलाइन बुकिंग (Online Booking of Wheat Seeds) की जा रही है. करनाल, हरियाणा में स्थित इस संस्थान ने 17 सितंबर से पोर्टल पर ऑनलाइन बुकिंग की प्रक्रिया शुरू की गई है.


 उन्नत किस्मों की ऑनलाइन बुकिंग
भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान, करनाल के पोर्टल https://iiwbrseed.in/ पर DBW 222 (करण नरेंद्र) और DBW 187 (करण वंदना) की बुकिंग प्रक्रिया शुरू की गई है. 



  • IIWBR Portal पर बीजों की ऑनलाइन बुकिंग के साथ-साथ किसानों को ऑनलाइन पेमेंट की सुविधा भी दी गई है. 

  • इस पोर्टल पर 18 वर्ष सा उससे अधिक उम्र वाले किसान ही गेहूं के उन्नत किस्मों की बीजों की बुकिंग करा सकते हैं.

  • पोर्टल पर बीजों की बुकिंग के बाद अक्टूबर के पहले और दूसरे हफ्ते में किसानों से संपर्क किया जायेगा.




आवश्यक दस्तावेज



  • किसान का आधार नंबर

  • आधार से लिंक मोबाइल नंबर

  • गाँव, जिला और प्रदेश का नाम


इस तरह करें आवदेन
गेहूं के बीजों की ऑनलाइन बुकिंग के लिये भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान (IIWBR) के सीड पोर्टल https://iiwbrseed.in/ पर जायें.



  • होम पेज खुलते ही किसान अपना आधार से लिंक मोबाइल नंबर, जन्म तिथि, किसान का नाम, किसान का आधार नंबर, पता और बीजों की मात्रा दर्ज करें.

  • बता दें कि इस बीज पोर्टल पर किसानों को सिर्फ 10 किलो तक बीजों की बुकिंग करने की सुविधा दी जा रही है, जिसमें  DBW 222 (करण नरेंद्र) और DBW 187 (करण वंदना)  किस्म शामिल हैं.




करण वंदना (DBW 187) 
करण वंदना (Karan Vandana Wheat) यानी गेहूं की DBW 187 सिंचित इलाकों 60 से 75 क्विंटल तक उत्पादन देती है. ये किस्म बुवाई के 120 दिनों के अंदर पककर तैयार हो जाती है. यह किस्म झुलसा रोग जैसी बीमारियों के प्रति सहनशील है, जिसमें बुवाई के 77 दिन के अंदर बालियां बनने लग जाती है. पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, असम और पश्चिम बंगाल के उत्तर पूर्वी मैदानी इलाकों के किसान इसकी खेती करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. इसकी अगेती बुवाई के लिये 25 अक्टूबर से 5 नवंबर और समय पर बुवाई के लिये 5 नवंबर से 25 नवंबर का समय उपयुक्त रहता है. 


करण नरेंद्र (DBW 222) 
करण नरेंद्र यानी गेहूं की DBW 222 किस्म से मात्र 5 सिंचाई के अंदर 60 से 82 क्विंटल तक पैदावार (Wheat Production) ले सकते हैं. गेहूं की ये उन्नत किस्म पीला रतुआ और भूरा रतुआ रोगों के प्रति सहनशील है. इस गेहूं फसल की पहली सिंचाई का काम बुवाई के 20 से 25 दिन, बाकी सिंचाई हर 20 दिन के अंतराल पर कर सकते हैं. इसकी खेती (Wheat Cultivation) के लिये पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड में उपयुक्त रहते हैं. कोटा, उदयपुर और झांसी में करण नरेंद्र (Karan Narendra Wheat) से खेती के लिये कृषि विशेषज्ञों से सलाह-मशवरा जरूर करना चाहिये. इसकी बुवाई के लिये 5 नवंबर से 25 नवंबर का समय सबसे उपयुक्त रहता है.


Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.


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