Bio Villages of Tripura: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक महीने बाद मन की बात कार्यक्रम में सौर ऊर्जा से लेकर बायो विलेज जैसे कई मामलों का जिक्र किया. छट पर्व की बढ़ाई देने के बाद पीएम मोदी ने सौर ऊर्जा का जिक्र किया. पीएम मोदी ने बताया कि सौर ऊर्जा की खूबियां जानकर अब किसान खेती के साथ-साथ दूसरे कामों के लिए इसका इस्तेमाल कर रहे हैं. इससे किसानों कीआमदनी तो बढ़ी ही है, साथ ही खेती की लागत भी काफी हद तक कम हो गई है. इसी बीच देश के पहले सूर्य ग्राम मोढेरा का भी जिक्र हुआ. इस गांव के ज्यादातर घर अब सौर ऊर्जा की ही बिजली का इस्तेमाल करते हैं. पीएम ने कहा कि जल्द ही देश में सूर्य ग्रामों का निर्माण एक जनआंदोलन बनेगा, जिसकी शुरुआत मोढेरा गांव से हो चुका है.


सोलर पंप से कम हुई खेती की लागत


देश के लाखों किसान भी अब सौर ऊर्जा से काफी लाभान्वित हो रहे हैं. इसके लिए केंद्र सरकार ने पीएम कुसुम योजना भी चलाई है. मन की बात कार्यक्रम में पीएम कुसुम योजना के एक लाभार्थी किसान का भी जिक्र हुआ. तमिलनाडु के कांचीपुरम में रहने वाले किसान थिरु के. एझिलन ने भी मन की बात कार्यक्रम से खूब सुर्खियां बटोरी हैं.


बता दें कि ये किसान पी.एम कुसुम योजना का लाभ लेकर सिंचाई करते हैं. कांचीपुरम के इस किसान ने पीएम कुसुम योजना का लाभ लेकर अपने खेत में 10 हॉर्स पावर का सोलर पंप लगवाया है. इसकी मदद से अब खेत के लिये बिजली का कोई खर्च नहीं आता और ना ही वो बिजली की सप्लाई के लिये सरकार पर निर्भर है. इस तरह बिजली उत्पादन में भी किसान आत्मनिर्भर बन रहे हैं. इससे खेती की लागत भी काफी हद तक कम हो गई है.






सौर ऊर्जा से रोजगार


पीएम कुसुम योजना के लाभार्थी किसान देशभर में है, लेकिन योजनाओं का लाभ लेकर कुछ नया करने वाले किसानों में भरतपुर, राजस्थान के किसान कमलजी मीणा भी शामिल हैं. कमलजी मीणा ने अपने खेत में सोलर पंप लगाया था, जिसके बाद खेती की लागत कम हो गई है और किसान की आमदनी भी पहले से काफी बेहतर हुई. कृषि में सौर ऊर्जा के इन फायदों की तर्ज पर ही अब कमलजी मीणा दूसरे छोटे उद्योंगो को भी सौर ऊर्जा से जोड़ने के लिए प्रेरित कर रहे हैं.


मन की बात कार्यक्रम के मुताबिक, किसान कमलजी मीणा के नजदीकी इलाकों में लकड़ी का काफी काम है. साथ ही गोबर से तमाम उत्पाद बनाने के लघु उद्योग है, जहां अब बिजली की जगह सौर ऊर्जा का इस्तेमाल हो रहा है. इससे करीब 10 से 12 लोगों को रोजगार भी मिल रहा है. आज कमलजी मीणा राजस्थान के कई किसानों के लिये प्रेरणा बनकर सामने आए हैं.


त्रिपुरा के बायो विलेज


सेवन सिस्टर्स के नाम से मशहूर भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में जैविक खेती और पार्यावरण अनुकूल कार्यक्रम चलाए जाते रहे हैं. यही से दुनिया को पहला ऑर्गेनिक स्टेट सिक्किम भी मिला है. अब इसी कड़ी में त्रिपुरा के कई गांव बायो विलेज-2 यानी जैविक गांव की सीढ़ी चढ़ रहे हैं. बता दें कि इन बायो विलेज में प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसानों को कम करने की तरकीबें सुझाई और सिखाई जाती है. इसमें तरह-तरह के उपायों को अपनाकर लोग अपनी लाइफस्टाइल को सुधारते हैं, जिससे उनकी लाइफस्टाइल का बुरा असर पर्यावरण पर ना पड़े. इस प्रोसेस में सोलर एनर्जजी, बायो गैस, मधुमक्खी पालन और जैव उर्वरकों पर ज्यादा से ज्यादा फोकस होता है. 


एक तरह से देखा जाए तो ये बायो विलेज अभियान कुछ और नहीं, बल्कि पर्यावरण की सरक्षा करने और जलवायु परिवर्तन के दुषप्रभावों को कम करने के लिए एक अभियान है, जिससे त्रिपुरा के साथ-साथ देश के कई इलाकों में पर्यावरण संरक्षण का काम किया जा रहा है. इस खास अभियान को मिशन जिंदगी (Mission Life) नाम दिया गया है.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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