Malda Mango Price: बाढ़, बारिश और सूखे से खरीफ सीजन की फसलें बर्बाद हो गई थीं. रबी सीजन भी किसानों के लिए अच्छा नहीं रहा. मार्च में आई बारिश ने गेहूं, सरसों की फसलों को बहुत अधिक नुकसान पहुंचाया. लेकिन किसानों की मुसीबतें अभी भी कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं. हरियाणा में किसानों ने भाव न मिलने पर टमाटर को सड़कों पर फेंक दिया था. पंजाब में शिमला मिर्च के साथ भी किसानों ने यही सुलूक किया. अब फलों के राजा आम की कीमत का बुरा हाल हो गया है. बाजार में खरीदार न मिलने आम की कीमत ही 2 से 3 रुपये किलो हो गई है. 


पश्चिम बंगाल मेें मालदा आम 3 रुपये किलो बिक रहा


खेतों से आम पककर बाजार मेें बिकना शुरू हो गया है. आम की बागवानी करने वाले किसानों को उम्मीद थी कि आम से अच्छी कमाई कर सकेंगे. पश्चिम बंगाल में भी  किसान मालदा आम लेकर पहुंचे. लेकिन उन्हें मंडी मंे तगड़ा झटका. यहां व्यापारियों ने आमों के दाम की कीमत 3 रुपये प्रति किलोग्राम ही लगाई. इतनी गिरावट देख किसान परेशान हो गए हैं. बिहार में भी मालदा आम होता है. वहां भी असर देखने को मिल रहा है.



इस वजह से आई आम के दामों में गिरावट


पश्चिमबंगाल में मालदा आम पानी के अभाव में सूख रहा है. इस पर दाग धब्बे पड़ रहे हैं. किसानों का कहना है कि दाग धब्बों के कारण आम को खरीदार नहीं मिलेगा. इससे उसके सड़ने की नौबत आ जाएगी. दाग धब्बे पड़ने और आम के सूखने के कारण ही इसके दामों में गिरावट देखने को मिली है. किसानों का कहना है कि यदि आम को जल्दी नहीं तोड़ा गया तो और अधिक दिक्कत आ जाएगी. 


50 रुपये किलो तक बिकता था, अब कीमत घटी


पश्चिम बंगाल से मालदा आम आसपास के राज्यों में भेजा जाता है. कच्चे आम को बेचकर किसान और व्यापारी अच्छा खासा कमा लेते थे. मालदा आम 50 रुपये प्रति किलो तक बिक जाता था. वहीं, इस बार इसकी कीमत सिर्फ 3 रुपये प्रति किलो ही रह गई है. किसानों को बहुत नुकसान हो रहा है. 


दूसरे लोग बेच रहे आम


मालदा जिले में आम पेड़ों से सूखकर गिर रहे हैं. एक ओर जहां बागवानी करने वालों को ये नुकसान हो रहा है. वहीं, बाग के आसपास में रहने वाले लोग इसका लाभ ले रहे हैं. स्थानीय लोग गिरे हुए आमों को बटोर लेते हैं और उन्हें सस्ते दामों में बाजार में बेच देते हैं. 


ये भी पढ़ें: Wheat Procurement: 11.89 लाख किसानों के खाते में भेजे 23 हजार करोड़ रुपये, देश में इतने करोड़ टन हुई गेहूं खरीद