Lumpy Vaccination: भारतीय गौवंशों में लंपी का संक्रमण कम नहीं हुआ है, लेकिन राज्यों में लंपी के खिलाफ चलाये गये टीकाकरण अभियान ने इसके दुष्प्रभावों को जरूर कम कर दिया है. इसी का नतीजा है कि अब देश में लंपी से मरने वाले पशुओं की तादाद अब कम होती जा रही है. पशु भी अब धीरे-धीरे संक्रमण (Lumpy Infection) से मुक्त हो रहे हैं. इसी बीच महाराष्ट्र ने दावा किया है कि राज्य में लंपी की रोकथाम के लिए 97.54 प्रतिशत तक टीकाकरण पूरा हो चुका है. महाराष्ट्र सरकार ने आंकड़े जारी करके बताया कि करीब 1 लाख 72 हजार 528 संक्रमित पशुओं में से 1 लाख 72 हजार लंपी मुक्त हो चुके है. राज्य के पशुपालकों को अब डरने के बजाय पशुओं की सेहत पर गौर करना होगा, क्योंकि इसी से लंपी पर पूरी तरह से काबू पाया जा सकता है.

33 जिलों में लंपी का कहरमहाराष्ट्र के लगभग 33 जिलों में पशुओं को लंपी संक्रमण से ग्रस्त पाया गया. इतना ही नहीं राज्य में पशुओं की मृत्यु दर भी तेजी से बढ़ रही थी. रिपोर्ट्स के मुताबिक, करीब 1 लाख 72 हजार 528 पशु लंपी संक्रमण से ग्रस्त थे, जिसमें से करीब 1 लाख 12 हजार पशु स्वस्थ हो चुके हैं. पशुपालन विभाग ने आंकड़े जारी करके बताया कि अभी तक 136.48 लाख पशुओं का टीकाकरण नि:शुल्क किया गया है. वहीं निजी संगठनों, सहकारी दुग्ध संघों और व्यक्तिगत पशुपालकों के अनुसार, राज्य में 97.54 प्रतिशत गौवशों का वैक्सीनेशन हुआ है. 

इन जिलों में सर्वाधिक टीकाकरणपशुपालन विभाग की ओर से जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, जलगांव, अहमदनगर, धुले, अकोला, औरंगाबाद, बीड, उस्मानाबाद, कोल्हापुर, सांगली, सोलापुर, वाशिम, जालना, हिंगोली, नंदुरबार और मुंबई उपनगर आदि जिलों में करीब 140.97 लाख टीके दिये गये थे. बेशक अभी हालात काबू में है, लेकिन राज्य सरकार ने जल्द से जल्द शत प्रतिशत टीकाकरण करने का भी निर्देश जारी कर दिए हैं, ताकि राज्य को लंपी मुक्त बनाया जा सके. बता दें कि राज्य में 4 अगस्त 2022 को पहली बार लंपी संक्रमण का पता चला. अभी तक देशभर में हजारों मवेशी लंपी संक्रमण के कारण अपनी जान गंवा चुके हैं.

सरकार ने दिया मुआवजालंपी त्वचा रोग से मरने वाले पशुओं के लिए महाराष्ट्र सरकार ने मुआवजा (Lumpy Compensation) भी जारी कर दिया है. पशु बानि झेलने वाले करीब 3091 पशुपालकों के बैंक खातों में 8.05 करोड़ रुपये ट्रांसफर किये हैं. इसमें 30 हजार रूपये प्रति गाय, 25 हजार रुपये प्रति बैल और 16 हजार रुपये बछड़ों की मृत्यु पर राहत के तौर पर दिये गये हैं. इससे पशुपालकों को काफी राहत मिली है.

ये हैं लंपी के लक्षणलंपी त्वचा रोग केवल पशुओं और अधिकतर गौवंशों में ही फैलता है. सही समय पर इलाज ना मिलने और लंबे समय तक संक्रमित रहने के कारण पशुओं की मृत्यु भी हो जाती है. लंपी त्वचा रोग को पहचानना बेहद आसान है. शुरुआत में पशु का व्यवहार बदल जाता है.  लंपी संक्रमित पशु के शरीर पर फुंसियां निकल आती है. ये धीरे-धीरे बुखार में तब्दील हो जाता है. इसके बाद त्वचा पर गांठ पड़ने से पशुओं को बेचैनी हो जाती है. ऐसे में पशु दूध देना भी बंद कर देते हैं. भूख न लगना, आंखों से पानी  और कंपकंपाहट जैसे लक्षण भी लंपी संक्रमण की तरफ इशारा करते हैं.

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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