Lumpy skin disease: देश में लंपी वायरस ने कहर बरपाया हुआ है. 15 से अधिक राज्यों में यह बीमारी अपने पैर पसार चुकी है. 20 लाख से अधिक तक पशु अभी तक इस बीमारी की चपेट में आ चुके हैं. मरने वालों की संख्या भी काफी अधिक है. राजस्थान सरकार, मध्य प्रदेश गवर्नमेंट, उत्तर प्रदेश गवर्नमेंट, हिमाचल प्रदेश सरकार समेत सभी राज्य लंपी वायरस पर काबू पाने के लिए कदम उठा रहे हैं. अब मध्यप्रदेश गवर्नमेंट ने वायरस से निपटने के लिए रणनीति तैयार की है. सेंट्रल गवर्नमेंट ने प्रदेश सरकार को करीब 14 लाख गोट पॉक्स वैक्सीन सप्लाई की है. इन्हें स्टेट के सभी जिलों में मौजूद पशुओं को लगाया जाएगा. स्टेट गवर्नमेंट ने वैक्सीन लगाने के लिए सेंट्रल पॉइंट भी बना दिए हैं.


ये 4 सेंट्रल प्वाइंट बने


मध्य प्रदेश सरकार ने लंपी वायरस पर काबू पाने के लिए प्रदेश में 4 सेंट्रल पॉइंट बनाए हैं. इन्हें फोकल प्वाइंट भी कहा गया है. इनमें इंदौर भोपाल ग्वालियर और उज्जैन शामिल है. यहीं से प्रदेश के अलग-अलग जिलों में वैक्सीन पहुंचाई जाएगी. इन सेंट्रल पॉइंट पर वैक्सीन पहुंचाने की बात करें तो इंदौर केंद्र पर 5 लाख 34 हजार भोपाल में 3 लाख 45 हजार, ग्वालियर में दो लाख 87 हजार और उज्जैन में 2 लाख 32 हजार वैक्सीन पहुंचा दी गई है. क्योंकि यह सभी सेंट्रल पॉइंट है यहां पर जो वैक्सीन पहुंचाई गई है उसे ही सभी जिलों में पहुंचा दिया जाएगा.


सेंट्रल प्रभारी भी बनाए गए


जिन्हें सेंट्रल पॉइंट बनाया गया है. वहां पर सेंट्रल प्रभारी भी तैनात कर दिए गए हैं. इन सेंट्रल प्रभारियों की जिम्मेदारी होगी कि सेंट्रल पर कितनी वैक्सीन है. कितनी वैक्सीन जिलों में पहुंचा दी गई है. कितनी कमी हो रही है. पशुओं को ववैक्सीन लगाने में क्या दिक्कत आ रही है? और उसका रजिस्टर में ब्यौरा मेंटेन हो रहा है या नहीं. यह सब देखने की जिम्मेदारी इन्हीं की होगी. मध्य प्रदेश गवर्नमेंट को भी इन सेंट्रल प्रभारियों की ओर से रिपोर्ट भेजी जाएगी. रिपोर्ट के आधार पर ही स्टेट गवर्नमेंट अगले कदम उठाएगी.


भैंस वंशों पर भी रखी जा रही नजर


मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा मामले गोवंश में लंपी वायरस के देखने को मिले हैं. हालांकि गवर्नमेंट यह भी देख रही है कि भैंसों में लंपी वायरस का कोई केस आया या नहीं, इसके अलावा प्रदेश सरकार ने मरने वाले पशुओं को गड्ढा खोदकर दफनाने के निर्देश दिए हैं. गड्ढा शहर से बाहर खोदा जाएगा और यह भी देखा जाएगा कि कोई कुत्ता या अन्य जानवर पशुओं को नोच तो नहीं रहा है या कोई पक्षी मृत पशु के संपर्क में तो नहीं है. क्योंकि कुत्ते, मक्खी, मच्छर पक्षियों से वायरस एक जगह से दूसरी जगह पहुंच सकता है.


यह भी पढ़ें :


Drone: 1 दिन में 30 एकड़ खेत में दवा छिड़क सकता है ड्रोन, जानिए बहुत कुछ


Government action: इस राज्य में गड़बड़ बिकते मिले बीज और Chemical Fertilizer, सेहत के लिए हो सकते हैं खतरनाक