Real and Fake Aata: पुराने जमाने का खानपान की अलग था. खाद्य पदार्थों का स्वाद इतना अच्छा होता था कि शुद्धता जांचने की जरूरत ही नहीं पड़ती थी, लेकिन आज के समय में खाने की चीजों में मिलावट बढ़ती जा रही है. खाद्य पदार्थों की बढ़ती डिमांड के बीच कई दुकानदार, ग्राहकों को असली की शक्ल में घटिया सामान पकड़ा देते हैं. इसे खाने से शरीर पर बुरा असर पड़ता है. आटे के साथ भी कुछ ऐसा ही है. इन दिनों बाजार में कई तरह का पैकेट बंद आ रहा है. हर आटे के पैकेट पर एक्सपायरी डेट भी लिखी होती है, लेकिन कुछ दुकानदार हेरफेर करके पुराने आटे को नया और अच्छा बताकर बेच देते हैं, जिसे खाने पर सेहत से जुड़ी समस्याएं होने लगती हैं.


इस मामले को गंभीरता से लेना होगा. आप चाहें तो आटा खरीदने से पहले या पैकेट बंद आटे की रोटियां बनाने से पहले इसकी जांच कर सकते हैं कि यह आटा शुद्ध और सेहत के लिए अच्छा है भी या नहीं. इसके लिए एक्सपर्ट ने कुछ खास तरीके बताए हैं. आज आप भी आटे की रोटियां बनाने से पहले इन खास तरीकों को ट्राई करें.


इस तरह चेक करें असली-नकली आटा 
पुराने समय की बात ही अलग थी. खेतों से गेहूं मंडी पहुंचता था और मंडी से हमारे घर. इस गेहूं को धोकर कई दिनों तक सुखाया जाता था और ताजा आटा पीसने के लिए चक्की भेजा जाता था, लेकिन आज के समय में लोग पैकेट बंद या रेडीमेड आटा खरीदना ज्यादा पसंद करते हैं, जो शायद आपकी  सेहत के लिए अच्छा ना हो, क्योंकि इन दिनों आटे में जमकर मिलावट चल रही है. इस मिलावट की जांच करने के कुछ आसान तरीके आपको बता रहे हैं.



  • असली-नकली आटे की पहचान के लिए एक पानी का ग्लास ही काफी है. सबसे पहले पैकेट में से एक चम्मच आटा निकालें और इसे एक गिलास पानी में डाल दें. 10 से 20 सेकंड बाद पानी को देखें. यदि आटा पानी पर तैर रहा है तो यह नकली हो सकता है, क्योंकि असली आटा पानी में बैठ जाता है.

  • रोटी बनाते वक्त भी असली-नकली आटे की पहचान कर सकते हैं. दरअसल जब असली आटे को गूंथते हैं तो वह कुछ समय में ही नरम हो जाता है, जबकि घटिया या मिलावटी आटे के साथ ऐसा नहीं होता. नकली आटे को गूंथने के लिए पानी भी ज्यादा लगता है और बाद में यह आटा सख्त हो जाता है, जिसकी रोटियां भी सख्त बनती हैं. नकली आटा से बनी रोटियां खाने में भी अजीब लगती हैं.

  • हाइड्रोक्लोरिक एसिड से ज्यादातर खाद्य पदार्थों की जांच की जाती है. आटे को जांचने के लिए भी है सबसे अच्छा तरीका है. ये एसिड बाजार में आसानी से मिल जाता है. हाइड्रोक्लोरिक एसिड से आटे की जांच करने के लिए सबसे पहले क्लास में थोड़ा-सा एसिड लें. उसके बाद आधा चम्मच आटा डाल दें. कुछ समय बाद आटे की संरचना पर नजर डालें. अगर इस मिक्सर में खाने वाली चीज दिख रही है तो यह आटा मिलावटी है. 

  • मिलावटी आटे की पहचान के लिए नींबू भी एक अच्छा ऑप्शन है. आटे को घुटने से पहले आधा चम्मच आटा लेकर उसमें नींबू का रस डालें. इस प्रयोग के बाद यदि आटे से बुलबुले निकल आएं तो समझ जाइए कि आटा नकली है. हो सकता है इस आटे में खड़िया मिलाई गई हो. कई बार आटे में बोरिक पाउडर मिलाकर भी बेचा जाता है, जो हमारी सेहत के लिए हानिकारक होता है.


जानकारी के लिए बता देगी असली और शुद्ध आटा गूंथने के बाद नरम हो जाता है. इसकी रोटियां भी फूली हुई और नरम बनती हैं. असली आटे की यही पहचान है कि रोटियों का स्वाद बरकरार रहता है, जबकि कंकड़, भूसे, धूल, खरपतवार के बीज और पुराने अनाज से बना आटा न दिखने में अच्छा होता है और ना खाने में, इसीलिए आटे की रोटियां बनाने से पहले एक बार असली-नकली की पहचान जरूर कर लें.


Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.


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