Papaya Gardening in Pot: बीमारियों के दौर में फलों को अपनी डाइट में शामिल करना जैसे अब कंपल्सरी हो गया है. जब भी फलों की बात आती है तो न्यूट्रिएंट्स से भरपूर पपीता का नाम कैसे पीछे रह सकता है. अच्छी सेहत के लिए पपीता कच्चा भी खाया जाता है और पकाकर भी. ये सेहत के लिए तो फायदेमंद है ही, इसकी मिठास मुंह में पानी ले आती है. बाजार में भी पपीता की भारी डिमांड रहती है, लेकिन आप चाहें तो इसे बाजार से खरीदने के बजाए अपने घर की छत पर ही आसानी से उगा सकते हैं. एंटीऑक्सीडेंट्स और विटामिन-सी से भरपूर पपीता उगाने के लिए आप ग्रो बैग्स या गमले का इस्तेमाल कर सकते  हैं. चाहें तो घर की घर पर परमानेंट क्यारियां भी बना सकते हैं, जिनमें पपीता जैसे कई फ्रूट्स उगाना आसान हो जाएगा. 


कहां से खरीदें बीज
घर पर पपीता उगाने जा रहे हैं तो बाजार से बीज खरीदने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी, बल्कि देसी पपीता के बीजों को बचाकर गार्डनिंग मे इस्तेमाल कर  सकते हैं. वैसे तो होम गार्डनिंग के लिए हमारे एक्सपर्ट्स ने भी पपीता की पूसा ड्वार्फ और पूसा नन्हा वैरायटी डेवलप की हैं, जिनका पौधा या बीज खरीदकर आप हमले में पपीता उगाने का शौक पूरा कर सकते हैं.


बता दें कि पपीता की ये दोनों ही वैरायटी 25 से 50 किलोग्राम तक पपीता का प्रोडक्शन देती हैं, वो भी घर पर ही. एक बात का ध्यान रखना होगा कि पपीता के पौधे को बढ़ने के लिए अच्छी सूरज की रोशनी लगती है, इसलिए इसकी गार्डनिंग के लिए आप अपनी छत या अपने बड़े के गार्डन को चुन सकते हैं.


किन-किन चीजों की जरूरत पड़ेगी
साधारण पौधों के मुकाबले पपीते के पौधे का साइज कुछ बड़ा होता है, इसलिए घर पर पपीता उगाने जा रहे है तो सीधा गार्डन में लगा सकते हैं या फिर घर की छत पर 24 से 30 इंच के ग्रो बैग का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. बाजार में मिट्टी के बड़े गमले भी आते हैं या घर पर कोई पुरानी बाल्टी या कंटेनर का भी यूज करना ठीक रहेगा.


बस ध्यान रखें कि गमले, बाल्टी या ग्रो बैग्स का इस्तेमाल करने से पहले नीचे की तरफ बड़े छेद बना लें, ताकि पानी बाह निकल जाए और पौधे की जड़ों में ना भरे. बता दें कि पपीता के प्लांट को पानी की कम ही लिमिटिड ही जरूरत होती है. कई बार इसकी जड़ों में पानी भरने से प्लांट गलने लगता है, इसलिए पानी की निकासी के लिए छेद जरूर बनाएं.


पॉट मिक्स बनाएं
वैसे तो गार्डन सॉइल में भी आराम से पपीता उगा सकते हैं, लेकिन प्लांट को ग्रो करने और हेल्दी रखने के लिए अच्छी खाद, मिट्टी, रेट और कंपोस्ट का यूज करें. एक्सपर्ट्स बताते हैं कि गमले में भी पौधा उगाने के लिए कोकोपीट, सामान्य मिट्टी, कंपोस्ट (वर्मीकंपोस्ट, किचन कंपोस्ट) और गोबर की खाद आदि को बराबर मात्रा में मिलाकर रख लें.


अब गमले, ग्रो बैग या बाल्टी में जो छेद बनाया था, उसके ऊपर एक पत्थर रख दें, जिससे कि पानी छेद के बाहर जा सके. अब इसमें अपना पॉट मिक्स डालकर ऊपर से थोड़ा कम भर दें. इस तरह आपका गमला तैयार हो जाएगा.


इस तरह लगाएं पौधा
पपीता की गार्डनिंग के लिए अब तैयार कंटेनर में बीज लगा सकते हैं या फिर पपीता का प्लांट-सैपलिंग खरीदकर भी उसकी प्लांटेशन की जा सकती है. ध्यान रखें कि एक गमले, ग्रो बैग या कंटेनर में सिर्फ एक ही पौधा लगाएं, ताकि इसकी जड़ों को फैलने और ग्रो करने में कोई परेशानी ना हो.



  • अब प्लांट को डायरेक्ट सन लाइन में रखें, ताकि पौधे की अच्छी ग्रोथ हो सके.

  • इस प्लांट को हर 2 दिन में एक बार पानी देना होगा.

  • प्लांट में कीट-बीमारियों की भी निगरानी करते रहें. कुछ परेशानी दिखने पर नीम ऑइल का भी स्प्रे कर सकते हैं.

  • बता दें कि पौधा लगाने के 8 महीने के अंदर प्लांट में फ्लावरिंग हो जाती है. इस समय पौधे की एक्स्ट्रा केयर करें.

  • समय-समय पर प्लांट में गोबर की खाद, कंपोस्ट और नीम-सरसों की खली डाल सकते हैं. इससे प्लांट को न्यूट्रिएंट्स मिलेंगे और ज्यादा फल बनेंगे.


अब गार्डनिंग सिर्फ फूल और हर्ब्स तक ही लिमिटेड नहीं है. आज शहरों में कई अर्बन गार्डनर्स अपने घर पर ही फल-सब्जियां उगाते हैं. इससे जरूरत और शौक दोनों ही पूरे हो जाते हैं. आप भी चाहें तो पपीता की गार्डनिंग लेकर घर पर हर की फल-सब्जी उगा सकते हैं.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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