Makar Sankranti: यह नया साल किसानों के लिए खास होने वाला है. नई कृषि तकनीकों और योजनाओं के साथ किसानों को एग्री बिजनेस करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है, जिससे उनकी आमदनी को बढ़ाया जा सके. वैसे तो गांव में रहने वाले कई किसान खेती के साथ-साथ पशुपालन भी करते हैं, लेकिन आज हम आपको मकर संक्रांति (Makar Sankranti) पर सबसे ज्यादा चलने वाले बिजनेस के बारे में बताएंगे, जिसके जरिए आप अगले 15 दिन के अंदर अच्छा पैसा कमा सकते हैं. दरअसल, मकर संक्रांति पर बाजार में तिल, गुड़ और मावा की डिमांड बढ़ जाती है, इसलिए जो किसान खेती के साथ-साथ पशुपालन भी करते हैं, वो अभी से तिल और दूध का फूड प्रोसेसिंग बिजनेस पर काम करके बढ़िया आय ले सकते हैं. 


क्यों खास है तिल
सर्दियों में लोगों को गर्म फूड प्रोडक्ट्स का सेवन करने की सलाह दी जाती है. विज्ञान व आयुर्वेद में भी तिल जैसे गर्म खाद्य पदार्थो को सर्दी के लिए काफी अच्छा बताया गया है. फिर चाहे आप तिल के तेल में खाना बनाएं या फिर इसकी मिठाई खाएं. तिल आपकी सेहत को हर तरह से फायदा पहुंचाता है. बाजार में तिल का शुद्ध तेल 400 से 500 रुपये लीटर तक बिकता है.


वहीं इन दिनों बाजार में तिल की मिठाई के भाव भी आसमान छू रहे हैं. इस मौके का फायदा उठाकर आप तिल की प्रोसेसिंग का बिजनेस कर सकते हैं. किसानों के लिए यह इसलिए भी फायदेमंद है, क्योंकि कई बार बाजार में तिल की फसल के सही दाम नहीं मिलते. ऐसे में तिल के फूड प्रोडक्ट्स बनाकर अपनी उपज को 3 गुना तक दाम पा सकते हैं.  


कौन-कौन से फूड प्रोडक्ट बनाएं
राजस्थान में तिल की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है. यहां किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए तिल के प्रोसेसिंग बिजनेस से जोड़ा जा रहा है, जिससे किसान तिल का तेल और इससे दूसरे प्रोडक्ट्स बनाकर अच्छी आय ले रहे हैं. केंद्र और राज्य सरकार भी कृषि विज्ञान केंद्रों  के माध्यम से ट्रेनिंग की सुविधा देती हैं. किसानों से लेकर घरेलू महिलाएं या कोई भी आम नागरिक केवीके से फूड प्रोसेसिंग की ट्रेनिंग लेकर अपना बिजनेस चालू कर सकते हैं.


इन दिनों चीनी, मावा, गुड और तिल से बने तिलकुट और मिठाई की काफी मांग है. 200 से 600 रुपये किलो के भाव ये मिठाई बिक रही है.  बाजार में स्थाई और अस्थाई दुकानों, ठेलों में तिल की मिठाई की अच्छी बिक्री होती है, इसलिए मार्केटिंग की चिंता भी नहीं रहती. कम दिनों में ही ये मिठाई बन जाती है. आप चाहें तो अपने गांव को लोगों या घरेलू महिलाओं को भी इस बिजनेस से जोड़ सकते हैं. 


इन सभी के अलावा, बाजार में तिल का तेल हमेशा ही डिमांड में रहता है. यदि खरीफ सीजन में अच्छी फसल हुआ है तो 200 रुपये किलो बिकने वाले तिल से 500 रुपये लीटर का तेल निकाल सकते हैं.


इस बिजनेस के लिए सरकार से मिलेगा पैसा
क्या आप जानते हैं कि फूड प्रोसेसिंग का बिजनेस करने के लिए सरकार भी आर्थिक मदद देती है. इसके लिए केंद्र सरकार ने सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना चलाई है, जो देशभर में लागू होती है. इस योजना में आवेदन करने पर फल, सब्जी, मसाले, फूल और अनाजों की प्रोसेसिंग, वेयर हाउस और कोल्ड हाउस, फैक्ट्री या उद्योग लगाने के लिए 35% सब्सिडी दी जाती है.


इससे अचार, मसाला, तेल, जूस, मिठाई, नमकीन, पापड़, बेकरी, दूध उत्पाद, दाल, आटे, मूंगफली के फूड प्रोडक्ट बनाकर खुद के ब्रांड से बाजार में बेच सकते हैं. आप चाहें तो तिल के बिजनेस से शुरुआत करके दूसरे खाद्य पदार्थों को भी शामिल करके अपना प्रोसेसिंग बिजनेस बढ़ा सकते हैं. 


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


यह भी पढ़ें:- कौन सी खेती धान-गेहूं से ज्यादा मुनाफा देती है, क्या सरकार से मिल सकती है आर्थिक मदद, यहां पढ़ें पूरा प्लान