Sweet Potato Gardening at Home: शहरों में शकरकंद का इस्तेमाल मॉर्निंग और इवनिंग स्नैक्स (Sweet Potato as Snacks) के रूप में किया जाता है. यह एक बेहद पौष्टिक सब्जी या फल है, जिसमें पोटैशियम, सोडियम, कैल्शियम जैसे पोषक तत्व होते हैं. शकरकंद खाने से शरीर की इम्युनिटी मजबूत होती है, जिसके चलते सर्दियों आते-आते बाजार में इसकी डिमांड बढ़ जाती है. अकसर सब्जी और पारंपरिक फसलों के अधिक उत्पादन के कारण ज्यादातर किसान शकरकंद की फसल नहीं लगा पाते. वहीं बाजार में पहुंचते-पहुंचते शकरकंद की क्वालिटी पर भी काफी असर पड़ता है. ऐसे में आसान तरीकों से शकरकंद की गार्डनिंग (Grow Sweet Potato at Home) करके घर बैठे ताजे-मीठे फल/सब्जी का जायका ले सकते हैं. खासकर अभी इसकी बुवाई करके सर्दियों तक गार्डनिंग (Sweet Potato Gardening at Home) का शौक और जरूरत दोनों पूरी हो सकती हैं.


शकरकंद के बीज
शकरकंद की गार्डनिंग के लिए सबसे पहले अच्छी क्वालिटी के बीजों का इंतजाम करना होगा. आप चाहें तो आस-पड़ोस की नर्सरी से शकरकंद के बीज (Sweet Potato Seeds) खरीद सकते हैं या फिर ऑनलाइन बाजारों से भी अच्छी क्वालिटी के बीज आर्डर करके मंगवा सकते हैं. बता दें की सही किस्म के बीजों से फलों को उगाना बेहद आसान होता है. ऐसे में अंकुरण भी आसानी से हो जाता है और फल भी अच्छे बनते हैं.




घर पर बनायें शकरकंद का पौधा
आप चाहें तो शकरकंद का बीज ना खरीदकर इसका पौधा घर पर ही बना सकते हैं. इसके लिये 1 या 2 शकरकंद लेकर ठीक तरह से पानी में धो लेना चाहिये.



  • इसके बाद शकरकंद की लंबाई का ऊपरी हिस्सा और निचला हिस्सा काटकर अलग कर लें.

  • अब शकरकंद के एक तरफ से कटे हुये हिस्से पर चक्र के आकार में टूथपिक लगायें, ताकि कटे हुई हिस्से से जड़ों का विकास हो सके और ऊपर से नया पौधा निकल सके.

  • अब एक कांच या प्लास्टिक के कंटेनर में पानी लेकर टूथपिक लगे शकरकंद के हिस्से को आधा डुबायें, ताकि जड़ों का विकास हो सके.

  • इसके लिये कंटेनर को खिड़की के पास अच्छी धूप वाली जगह पर रखें.

  • इससे पौधा निकलने में 2 से 4 सप्ताह का समय लगता है, जिसके बाद क्यारियों में इसकी रोपाई कर सकते हैं.  


गमला तैयार करें
आप चाहें तो शकरकंद को घर के बगीचे या फिर छत पर क्यारियां बनाकर भी उगा सकते हैं. कई लोग कंटेनर, बाल्टी या सीमेंट की टंकी में भी शकरकंद की गार्डनिंग करते हैं. शकरकंदी के बीजों को लगाने से पहले भी मिट्टी तैयार कर रही होगी, क्योंकि यह फल आलू की तरह जड़ में पैदा होता है, इसलिये बगीचे में या फिर क्यारियों में खुरपी की मदद से मिट्टी को उलट-पलट कर लें. इससे पौधों का ठीक प्रकार से विकास हो पायेगा. इसके बाद तैयार कंटेनर, बगीचे या सीमेंट की टंकी में मिट्टी के साथ-साथ वर्मी कंपोस्ट, कोकोपीट और गोबर की खाद मिला दें. इससे फल को बनने में आसानी रहेगी.



शकरकंद की देखभाल 
शकरकंद की बिजाई (Sweet Potato Gardening) के बाद समय-समय पर पौधे को पानी देते रहें, ताकि जड़ों में ठीक तरह से फलों का विकास हो सके. 



  • ध्यान रखें कि ज्यादा छोटे गमले में बीज ना लगाएं, इसके लिए बड़े कंटेनर या गहरी टंकी या क्यारियों का ही प्रयोग करें.

  • शकरकंद का पौधे में सूखा और गलन को रोकने के लिये किचन वेस्ट जैसे-सब्जी या फलों के छिड़के भी डाल सकते हैं.

  • इसके अलावा समय-समय पर पेस्ट कंट्रोल करते रहे. इसके लिए नीम ऑयल का स्प्रे करना फायदेमंद रहेगा. 

  • शकरकंद की क्यारियां या कंटेनर को सीधा धूप में रखें, क्योंकि ये सूरज की गर्मी से बढते हैं.

  • चाहें तो पौधों की जड़ों के ऊपर सूखे पत्ते और घास-फूस की मल्चिंग भी कर सकते हैं. 

  • बता दें कि शकरकंद के पौधों (Sweet Potato Plants Care) को नमी की जरूरत होती है, इसलिये पौधों को संतुलित मात्रा में पानी डालें.

  • इस तरह करीब 120 दिनों में शकरकंद के ताजे-मीठे (Fresh Sweet Potato) फल कम समय में ही तैयार हो जाते हैं.   




Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. ABPLive.com किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.


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