Drip Irrigation Technique for Lady Finger Cultivatuion: भारत के ज्यादातर इलाकों में किसान आधुनिक खेती की तकनीकों (Modern Farming Techniques) को अपनाकर बंपर उत्पादन हासिल कर रहे हैं. इससे किसानों को अच्छी आमदनी कमाने में तो मदद मिल ही रही है, साथ ही फसलों को बेचने के लिये ज्यादा जद्दोजहद भी नहीं करनी पड़ती. खेती की इन्हीं तरीकों में वैज्ञानिक विधि (Scientific Method of Okra Farming) से खेती, टपक सिंचाई विधि (Drip Irrigation) और समय पर फसल प्रबंधन (Crop Management) कार्य करना शामिल है. उत्तर प्रदेश के किसान आधुनिक खेती की इन विधियों को अपनाकर सफलता का आसमान छू रहे हैं.


वैज्ञानिक विधि से भिंडी की खेती (Okra Cultivation by Scientific Method)
वैज्ञानिक विधि से भिंडी की खेती करने के लिये ऊंची क्यारियां या बैड बनाये जाते हैं, जिन पर लाइनों में भिंडी के बीज लगाये जाते हैं.



  • इस प्रकार फसल में जल भराव की समस्या नहीं रहती है और खरपतवारों की संभावना भी कम हो जाती हैं.

  • इस दौरान ड्रिप सिंचाई विधि से सीधा भिंडी की फसल की जड़ों में पानी पहुंचता है, जिससे पानी की बचत और जल्दी उत्पादन मिल जाता है.

  • इस प्रकार खेती करने पर जमीनें घिरी नहीं रहतीं, बल्कि एक फसल की कटाई के बाद किसान को अगली फसल की तैयारी के लिये काफी समय मिल जाता है.

  • इस विधि से खेती करने पर किसानों को एक एकड़ जमीन से 45 से 50 दिन के अंदर 50 क्विंटल तक भिंडी की पैदावार मिल सकती है 

  • किसानों की मानें तो मिट्टी की जांच करवाके एक एकड़ खेत में वैज्ञानिक विधि से भिंडी उगाने पर करीब  3 से 5 लाख रुपये तक की आमदनी हो सकती है.

  • इस तरह की फसल प्रणाली अपनाने पर मौसम और कीट-रोग की अनिश्चितताओं को कम किया जा सकता है. 




कम जोखिम वाली आधुनिक खेती (Modern Farming Techniques for Low Risk)
खेती के पारंपरिक तरीकों में जोखिम की संभावना ज्यादा होती है. जैसे- खेतों में सीधा पानी पहुंचाने से मिट्टी में पानी का जमाव होता है और फसलें गलने लगती हैं. इस तरह से सिंचाई करने पर पानी के साथ-साथ फसलों में नुकसान होता है, लेकिन आधुनिक तरीकों को अपनाकर भिंडी की वैज्ञानिक खेती (Okra Cultivation Method) करने पर जरूरत के मुताबिक ही संसाधन खर्च होते हैं. 
आधुनिक खेती के तरीके  (Modern Farming Techniques) अपनाने से खेत-खलिहानों में जोखिम की संभावना काफी कम रहती है. जिस प्रकार गेंहूं-धान (Wheat-Rice Farming)  जैसी पारंपरिक फसलों को पकने में काफी समय लगता है. वहीं भिंडी जैसी सब्जी फसलें (Vegetable Farming) समय से पहले ही पककर तैयार हो जाती हैं. 




इस तरब भिंडी उगा रहे हैं उत्तर प्रदेश के किसान
बीते कई सालों में उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के किसानों ने बागवानी फसलों का रिकॉर्ड उत्पादन करके कीर्तिमान स्थापित किया है. यहां किसान आधुनिक तरीकों से वैज्ञानिक खेती करके अच्छी आमदनी ले रहे हैं. खासकर बात करें हरदोई जिले के खाड़ाखेड़ा गांव की तो यहां के प्रगतिशील किसान श्रीकृष्ण ने वैज्ञानिक तरीके से भिंडी की खेती करके बंपर उत्पादन हासिल किया है. इस काम में जिले के कृषि विभाग स्थित कृषि विज्ञान अनुसंधान केंद्र किसानों की काफी सहायता कर रहा है.




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