Agri Startup for New Beginning: कोरोना महामारी के बाद से ही देश में रोजगार की समस्या गर्मा रही है. ऐसे स्थिति में देश के युवाओं को स्टार्टअप करने के लिये प्रोत्साहित किया जा रहा है. कृषि क्षेत्र में भी किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिये युवाओं और किसानों को कृषि स्टार्टअप करने के लिये प्रेरित किया जा रहा है. इसके लिये केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर आर्थिक सहायता भी मुहैया करवा रही हैं. वहीं केंद्र सरकार की राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत कृषि में उद्यमशीलता को प्रोत्साहित कर रही है. कृषि स्टार्टअप खेती में डिजिटलाइजेशन और मशीनीकरण को भी प्रोत्साहित करते हैं. आसान शब्दों में कहें तो कृषि स्टार्टअप खुद स्मार्ट फार्मिंग को प्रोत्साहित करते हैं.


खेती में स्टार्ट अप
अकसर किसान सोच में पड़ जाते हैं कि कृषि में ऐसा क्या नया करें, जिससे खर्च कम, आमदनी डबल और रोजगार की समस्या हल हो जाये. ऐसी स्थिति में किसान और युवा चाहें तो खेतों से निकली उपज का प्रसंस्करण कर सकते हैं, आधुनिकता से जुड़कर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में हाथ आज़मा सकते हैं, डिजिटल कृषि से जुड़कर आत्मनिर्भर बन सकते हैं, कृषि मशीनीकरण से जुड़े स्टार्टअप या फिर खुद का डेयरी खोल सकते हैं और मछली पालन की यूनिट भी लगा सकते हैं. इन सभी कामों में नयी सोच, नई तकनीक और मशीनों से जुड़ना शामिल है. इसके लिये सरकार भी ट्रेनिंग से लेकर मार्केटिंग तक आर्थिक सहायता प्रदान करती हैं. 


सरकार देगी आर्थिक मदद
जाहिर है कि आजकल नौकरी-पेशों से युवाओं को ज्यादा आमदनी नहीं हो पाती. ऐसी स्थिति में उन्हें किसानों से जुड़कर खेती में इनोवेशन करना चाहिये. क्योंकि भारत का क्षेत्र लगातार तरक्की कर रहा है. भारत में अपनाई जाने वाली खेती की तकनीकें (जैविक खेती और प्राकृतिक खेती) विदेशों में लोकप्रिय हो रही हैं. यही कारण है कि सरकार भी कृषि स्टार्टअप के लिये ट्रेनिंग और फंडिंग दोनों उपलब्ध करवाये जा रहे हैं. 



  • एग्रीप्रेन्योरशिप ओरिएंटेएंटेशन प्रोग्राम के तहत किसानों और युवाओं को  2 महिने तक लगातार 10,000 रुपये देने का प्रावधान है.

  • एग्री स्टार्टअप के लिये आर-एबीआई इनक्यूबेट्स की सीडस्टेज भी 25 लाख रुपये तक की धनराशि प्रदान करती है, जिसमें 85% अनुदान और इंक्यूबेट्स के जरिये 15% आंशिक सब्सिड़ी मिल जाती है.

  • एग्रीप्रेन्योर्स की आइडिया और प्री -सीडस्टेज फंडिंग के तहत करीब 5 लाख रुपए देने का प्रावधान है, जिसमें 90% सब्सिड़ी और इंक्यूबेट्स के जरिये 10% अनुदान देने का प्रावधान है.


 
योजना की पात्रता



  • इस योजना के लाभार्थियों को सरकार की संस्थानें जैसे कृषि विज्ञान केंद्र और दूसरे सेंटर के जरिये चुना जाता है.

  • आर्थिक सहायता देने से पहले लाभार्थी को प्रशिक्षण के आधार पर बौद्धिक और इनोवेशन के नजरिये से आंका जाता है.

  • इस योजना के तहत स्टार्टअप करने वाले युवाओं और किसानों को किश्तों में आर्थिक सहायता मुहैया करवाई जाती है.

  • इसके तहत देश के बड़े इंक्यूबेशन सेंटर में स्किल डेवलपमेंट के जरिये प्रशिक्षण लेना अनिवार्य होता है.

  • जिसके बाद किसान और युवा अपने क्षेत्र में दूसरे लोगों के लिये रोजगार के अवसर प्रदान कर सकते हैं.

  • इस योजना से जुड़ने के लिये केंद्र सरकार की योजना  StartUp India या कृषि विभाग की वेबसाइट https://rkvy.nic.in/ पर अधिक जानकारी ले सकते हैं.


 


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