Crop Cultivation: रबी सीजन की बुवाई शुरू हो गई है. किसान खेतों में रबी फसलों को बो रहे हैं. खेतों में उपकरणों से जुताई कर रहे हैं. किसान परेशान हैं कि बीज किस समय बोना सही रहेगा, जब किसानों को फसल की सही पैदावार मिल जाये. एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट ने सलाह दी है कि यदि अलग अलग तय तारीखों में फसल बोई जाए तो बंपर पैदावार मिल सकती है. 

1 नवंबर से 15 नवंबर के बीच बोए फसलबिहार गवर्नमेंट के एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट ने किसानों को सलाह दी है कि किसान गेहूं फसल की बुवाई 1 नवंबर से 15 नवंबर के बीच करते हैं तो फसल 47 क्विंटल प्रति हेक्टेयर पैदावार हो सकती है। यह क्राइटेरिया पूरे बिहार के लिए है. 11 से 18 दिसंबर के बीच गेहूं की बुआई करने पर उपज कम होकर 34 क्विंटल प्रति हेक्टेयर रह सकती है. एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट किसानों से अपील कर रहा है कि फसल के अधिक प्रोडक्शन का लाभ लेने के लिए जलवायु के अनुकूल ही खेती की जाए. 

30 नवंबर से पहले बोने पर इतनी होगी फसलविभागीय विशेषज्ञों का कहना है कि किसान 30 नवंबर से गेहूं की बुआई कर लें तो बिना अतिरिक्त खाद और सिंचाई का उपयोग किए किसान 25 लाख टन गेहूं की उपज पा सकते है.  गेहूं के दाने को पकने में लगभग 140 दिन का समय लग जाता है. मार्च में तापमान बढ़ने पर गेहूं का दाना सूखने लगता है. इससे पैदावार कम होने का खतरा बढ़ जाता है. 

किसानों को मिलेगा 3 लाख क्विंटल बीजबिहार गवर्नमेंट ने किसानों को बीज उपलब्ध कराने की कवायद शुरू कर दी है. इसका लाभ यह होगा कि किसान समय से फसल बो सकेंगे. एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट का कहना है कि रबी मौसम में गेहूं, चना, मसूर, मटर, राई सरसों, तीसी, जौ तथा संकर मक्का का कुल 3.07 लाख क्विंटल बीज किसानों को उपलब्ध कराया जाएगा. किसानों से आनलाइन आवेदन लेने की तैयारी है.

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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