E- Mandi Rate: देश के किसान आधुनिक तकनीक से खेती कर रहे हैं. खरीफ सीजन में किसान मशीनोें से कटाई, बुवाई करते हैं. अब रबी सीजन चल रहा है. अभी भी किसान उन्नत तकनीक वाली मशीन से खेती में बीजों की बुआई कर रहे हैं. वहीं, केंद्र सरकार स्टेट गवर्नमेंट की मदद से किसानों के कारोबार को आनलाइन करने पर जोर दिया है. स्टेट गवर्नमेंट के स्तर से अपने विभिन्न ऑनलाइन पोर्टल पर शुरू कर दिए गए हैं. इन्हीं पोर्टल से किसान पफसलों की खरीद और बिक्री कर लेते हैं. किसान ऑनलाइन जुड़कर लाखों रुपये का मुनाफा भी कमा रहे हैं. इसी कड़ी में किसानों ने ई-मंडी से जुड़कर देश के करोड़ों किसानों ने करोड़ों रुपये का मुनाफा कमाया है.


ई-मंडी से 1.74 करोड़ किसानों ने किया 2.22 लाख करोड़ का कारोबार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार देश की एग्रीकल्चर ग्रोथ को लेकर काम कर रहे हैं. किसानों से सीधा संवाद करना भी उनके कार्यक्रमों में से एक होता है. केंद्र सरकार ने स्टेट गवर्नमेंट के सहयोग से ई-मंडी की व्यवस्था विकसित की है. ऑनलाइन एप से किसान अपने माल को ऑनलाइन बेच सकता है. केंद्र सरकार के आंकड़ों के अनुसार, देश में अभी तक 1.74 करोड़ किसानों ने 2.22 लाख करोड़ मूल्य के कृषि उपज का कारोबार किया है. इसमें मोटा मुनाफा भी किसानों ने कमा लिया है. 


4000 से अधिक स्टार्टअप एग्रीकल्चर क्षेत्र में काम कर रहे
देश की फल सब्जियों को विदेशों में एक्सपोर्ट किया जा रहा है. वहां उन्हें पसंद भी किया जा रहा है. मोटा अनाज, चावल, चीनी और दूध का बंपर एक्सपोर्ट हो रहा है. अगले साल मिलेटस ईयर के रूप में मनाया जाएगा. भारत मिलेटस का सबसे बड़ा उत्पादक देश है. एग्रीकल्चर क्षेत्र में ग्रोथ होने के कारण विदेशी करेंसी का निवेश भारत में बढ़ा है. अंदाजा लगा सकते हैं कि कृषि क्षेत्र में निजी निवेश तेजी से बढ़ रहा है. अभी तक 4000 से अधिक स्टार्टअप ने एग्रीकल्चर फील्ड में काम करना शुरू कर दिया है. 


डिजिटल क्रांति से मिल रही मदद
केंद्र सरकार मौजूदा समय में एग्रीकल्चर क्षेत्र में डिजिटल क्रांति पर जोर दे रही है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हाल में केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल ने एक कार्यक्रम में कहा था कि एग्रीकल्चर ग्रोथ के लिए डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन किसी वरदान से कम नहीं है. इससे किसानों के आर्थिक हालात बदले हैं. किसान उन्नत तकनीक से बुआई कर रहा है. उन्होंने कहा कि डिजिटलाइजेशन का यह फायदा हुआ है कि सरकारी मदद को किसानों के खाते तक पहुंचाने के लिए किसी बिचौलिए की जरूरत नहीं है. 



Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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