Grapes Production In India: फसल है तो रोग भी है. मुश्किल ही कोई फसल होगी, जोकि रोग की चपेट में न आती हो. फल, सब्जियां को रोग से बचाव के लिए साइंटिस्ट ऐसी प्रजातियां विकसित करते रहते हैं, जिनपर कवक, पफंगल, अन्य बैक्टीरिया, वायरस असर न कर पाएं. अंगूर खाने के लोग शौकीन होते हैं. लेकिन कई बार यह फसल भी इन बीमारियों की चपेट में आ जाती है. अब साइंटिस्ट ने अंगूर को एक खास बीमारी से बचाव के लिए ऐसा कवकनाशी डेवलप किया है, जो उसे बिल्कुल खत्म कर देगा.
अंगूरों में हो जाता है डाउनी मिल्ड्यू रोग विशेषज्ञों का कहना है कि अंगूर की खेती करने वाले किसान रोग को लेकर परेशान रहते हैं. अंगूरों में आमतौर पर ‘डाउनी मिल्ड्यू’ नामक बीमारी हो जाती है. इससे अंगूर की बेल प्रभावित होती है. अंगूर की प्रॉडक्टीविटी भी घट जाती है. यह कवक यानि फफूंद रोग है. वैज्ञानिक काफी समय से इस रोग से बचाव के लिए दवा विकसित करने में लगे हुए थे. साइंटिस्ट को अब जाकर सफलता हाथ लगी है.
स्टनर करेगा डाउनी मिल्ड्यू का जड़ से खात्मा मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इंसेक्टिसाइड्स (इंडिया) लिमिटेड (आईआईएल) ने ऐसा ही कवकनाशी विकसित किया है. इसे स्टनर नाम दिया गया है. यह अंगूर में होने वाली डाउनी मिल्ड्यू बीमारी को जड़ से खत्म कर देगा. इस नए कवकनाशी से किसान खुश हैं. देश के कई राज्यों में अंगूर की खेती होती हैं. यहां किसानों को राहत मिलेगी.
देश में पहली बार बना यह फार्मूलामीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इंसेक्टिसाइड्स (इंडिया) लिमिटेड के पदाधिकारियों का कहना है कि इस तरह का फार्मूला भारत में पहली बार बन रहा है. किसानों को अभी तक ऐसी कोई दवा नहीं मिली थी, जोकि इस रोग को जड़ से खत्म कर सके. अब उन्हें ऐसी दवा मिल गई हैं. देश में अंगूर का उत्पादन भी बढ़ सकेगा. बता दें कि महाराष्ट्र में नासिक, बारामती, सांगली, नारायणगांव, सोलापुर और सतारा में अंगूर का उत्पादन अधिक होता है. इसके अलावा अन्य राज्यों में भी अंगूर की खेती होती है. नई दवा किसानों के लिए वरदान साबित होगी.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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